मौत की कगार पर थीं लक्ष्‍मी और परी, फिर बदली जिंदगी, दिलचस्‍प है इनकी दोस्‍ती

शिव कुमार प्रजापति
आगरा. जब वाइल्डलाइफ एसओएस के हाथी अस्पताल परिसर में दो मादा हथिनी लक्ष्मी और परी मिलीं थीं, तब वे बहुत अधिक कुपोषित थी. भीख मांगने और व्यावसायिक उपयोग के लिए शोषित की जाने वाली लक्ष्मी का शरीर क्षीण था, यहाँ तक की उसकी रीढ़ की हड्डी उभरी हुई थी और जोड़ों में दर्द था, जिसके कारण उसे भारत की सबसे पतली हथिनी कहा जाता था. इसी तरह, परी की पीठ पर भारी काठी, और उसे जंजीरों में जकड़ा जाता था और उसे घंटों काम और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता था. फिर भी, यह यातनाएं उनकी हिम्मत को नहीं तोड़ सकीं. अब वे एक-दूसरे की हिम्‍मत बढ़ा रहीं हैं और उनके जज्‍बे को पशु प्रेमी सलाम कर रहे हैं.

लगभग 33 साल की लक्ष्मी और लगभग 23 साल की परी के बीच का रिश्ता दिसंबर 2023 में उनकी दैनिक सैर के दौरान पनपा. स्नेहपूर्ण तरीके से अपनी सूंड द्वारा एक दूसरे को दुलारना और आपस में उनकी बातचीत, जल्दी ही एक गहरी दोस्ती में विकसित हो गई. जैसे-जैसे उनका बंधन मजबूत होता गया, उन्हें आसपास के ही बाड़ों में रख दिया गया. वहां दोनों ने एक साथ क्रिसमस मनाया और अब वे अक्सर सैर पर भी साथ ही जाती हैं.

लक्ष्मी और परी के बीच की दोस्ती से खुश हैं पशुप्रेमी
परी ने, अपने ऊर्जावान स्वभाव और स्वास्थ्य के साथ, इस दोस्ती में एक प्रमुख भूमिका निभाई, जिससे लक्ष्मी को आराम और उसका कल्याण सुनिश्चित हुआ. बदले में, उम्र में बड़ी होने के नाते, लक्ष्मी अपनी नई दोस्त को देखभाल और सहयोग प्रदान करती है. लक्ष्मी और परी के बीच की दोस्ती ने केंद्र में हाथियों की देखभाल करने वालों और पशु चिकित्सकों को समान रूप से खुशी दी है, जिससे उनके शारीरिक और मानसिक उपचार में महत्वपूर्ण योगदान मिला है. अपने साझा अनुभवों के माध्यम से, लक्ष्मी और परी को आराम, सहयोग और उद्देश्य की एक नई भावना मिली है.

दोनों को पास-पास वाले बाड़ों में रखा गया
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “देखभालकर्ता और पशुचिकित्सक नियमित रूप से हाथियों के बीच अनुकूलता का आकलन करते हैं. लक्ष्मी और परी की अटूट दोस्ती को देखने के बाद, उन्होंने दोनों हथनियों में जुड़ाव के लक्षण देखे क्योंकि हाथी अपनी सूंड से एक-दूसरे को सूंघ रहे थे, जिसके बाद उन्हें निकटवर्ती बाड़ों में रखने का निर्णय लिया गया.

मौत की कगार पर थीं लक्ष्‍मी और परी, फिर बदली जिंदगी, दिलचस्‍प है इनकी दोस्‍ती

दोनों में बड़ा बदलाव आया, साथ में करने जातीं हैं सैर
वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव, गीता शेषमणि ने कहा, “जैसे ही लक्ष्मी और परी साथ में हॉस्पिटल कैंपस में अपनी सैर पर निकलती हैं, हमें उन्हें साथ देख कर उर्जा से परिपूर्ण शक्ति का एहसास होता है. दोस्ती शुरू होने के बाद से लक्ष्मी और परी में देखा गया उल्लेखनीय बदलाव इन सौम्य हथनियों के भावनात्मक स्वरुप को उजागर करता है.

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