Patna:
गुजरातियों को ठग कहने के मामले में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ सकती है. फिलहाल तेजस्वी यादव की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को 22 जनवरी तक के लिए टाल दिया है. सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को हुई सुनवाई में तेजस्वी के वकील कपिल सिब्बल ने उनके बयान पर सफाई देते हुए समय मांगा. उनके दायर हलफनामा पर कोर्ट ने 22 जनवरी के लिए सुनवाई टाल दी. आपको बता दें कि तेजस्वी ने बयान देते हुए गुजरातियों को ठग कहा था. जिसके बाद उनके खिलाफ अहमदाबाद में मानहानि का मामला दर्ज हुआ. बाद में इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया.
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तेजस्वी ने कथित तौर पर कहा था कि वर्तमान में सिर्फ गुजराती ही ठग हो सकते हैं और उनकी धोखाधड़ी माफ कर दी जाएगी. सावर्जनिक रूप से दिए गए इस बयान पर शिकायतकर्ता ने कहा कि गुजराती समुदाय को ठग कहना सभी गुजरातियों का अपमान करना है. इससे सार्वजनिक रूप से गुजरातियों को बदनाम किया जा रहा है. इससे पूरे समुदाय को संदेह की नजर से देखेंगे. शिकायतकर्ता की याचिका के बाद पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 202 के तहत तेजस्वी के खिलाफ जांच की थी. इस मामले में पहले 4 नवंबर, 2023 को अहमदाबाद में सुनवाई हुई थी. बाद में इसे सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया.
तेजस्वी यादव का बयान
आपको बता दें कि इन दिनों तेजस्वी के बयान को लेकर बिहार में सियासी माहौल गर्म हो गया. जहां एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने राम मंदिर पर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि लोगों को भूख लगेगी तो मंदिर जाओगे? वहां खाना मिलेगा? वहां उल्टा दान मांग लेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पैर कटेगा तो लोग मंदिर जाकर पंडित को नहीं दिखाएंगे, अस्पताल जाकर डॉक्टर को दिखाइएगा?
वहीं, अब बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने तेजस्वी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि तेजस्वी धीरे-धीरे सनातन संस्कृति और उसके संस्कारों से दूर होते जा रहे हैं. इसके आगे सिन्हा ने कहा कि एक तरफ तो तेजस्वी कहते हैं कि पीएम मोदी से उनकी कोई लड़ाई नहीं है और दूसरी तरफ कहते हैं कि राम मंदिर निर्माण में पीएम की कोई जरुरत नहीं है.