मोदी सरकार ने करोड़ों टैक्सपेयर्स को दी बड़ी खुशखबरी, 1 लाख रुपये तक Tax डिमांड होगा माफ

मोदी सरकार ने करोड़ों टैक्सपेयर्स को दी बड़ी खुशखबरी, 1 लाख रुपये तक Tax डिमांड होगा माफ

Good News For TaxPayers: वित्त वर्ष 2024-25 का विवादित टैक्स डिमांड वापस लेने से एक करोड़ टैक्सपेयर्स को फायदा होगा.

नई दिल्ली:

मोदी सरकार ने देश के करोड़ों टैक्सपेयर्स का ध्यान रखते हुए उन्हें बड़ी राहत दी है. इसके तहत हर टैक्सपेयर का 1 लाख रुपये तक का पेंडिग टैक्स डिमांड को माफ कर दिया जाएगा. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने स्मॉल टैक्स डिमांड (Small Tax Demands) को वापस लेने के लिए प्रति टैक्सपेयर (Taxpayer) 1 लाख रुपये की सीमा निर्धारित की है. यह निर्णय अंतरिम बजट (Interim Budget 2024) में डायरेक्ट टैक्स डिमांड (Direct Tax Demands) को वापस लेने के संबंध में की गई घोषणा के बाद लिया गया है.

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आयकर विभाग ने एक आधिकारिक आदेश के माध्यम से असेसमेंट ईयर 2015-16 तक की टैक्स डिमांड पर ध्यान केंद्रित करते हुए विड्रॉल के नियमों की रूपरेखा तैयार की है.

वित्त मंत्री ने Taxpayers के लिए किया ये बड़ा ऐलान

इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने टैक्सपेयर्स का ध्यान रखते हुए 2024-25 के अंतरिम बजट में घोषणा की थी कि सरकार ने डायरेक्ट टैक्स मामले में पुराने विवादित टैक्स डिमांड (Withdraw Controversial Tax Demand) से लोगों को राहत देने का प्रस्ताव किया है. इसके तहत वित्त वर्ष 2009-10 तक 25,000 रुपये और 2010-11 तक 10,000 रुपये तक के विवादित इनकम  टैक्स डिमांड (Income Tax Demand Notice) वापस लिए जाएंगे. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का ध्यान टैक्सपेयर्स के लिए सर्विस में सुधार पर है.

1 करोड़ टैक्सपेयर्स को होगा फायदा

इस कदम से टैक्सपेयर्स को लाभ होने और वित्तीय बोझ कम होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 का विवादित टैक्स डिमांड (Old Disputed Direct Tax Demands) को वापस लेने से एक करोड़ टैक्सपेयर्स को फायदा होगा.

1 लाख तक का टैक्स डिमांड लिया जाएगा वापस

IT विभाग ने नए आदेश में कहा है कि 31 जनवरी, 2024 तक इनकम टैक्स (Income Tax), वेल्थ टैक्स (Wealth Tax) और गिफ्ट टैक्स (Gift Tax) से संबंधित बकाया मांगों को माफ कर दिया जाएगा और समाप्त कर दिया जाएगा. हालांकि, यह किसी एक टैक्सपेयर के लिए ₹ 1 लाख की अधिकतम सीमा के अधीन है. इसमें इन्टरेस्ट, पेनाल्टी, फीस, सेस और सरचार्ज के साथ-साथ टैक्स डिमांडस शामिल है. 

हाल के आदेश में, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीडीटी (CBDT) ने स्पष्ट किया कि टैक्स डिमांड वापस लेने से  टैक्सपेयर्स को क्रेडिट या रिफंड के लिए कोई क्लेम नहीं मिलता है. इसके अलावा, यह कार्रवाई टैक्सपेयर्स के खिलाफ किसी भी लंबित, शुरू की गई या विचारित आपराधिक कार्यवाही के लिए इम्युटी प्रदान नहीं करती है. 

 

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