मोदी का ये मास्टरस्ट्रोक नहीं झेल पाएंगे जिनपिंग, ASEAN देशों को तेजस दे सकता है भारत

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2021 में ये बढ़कर 3.57 हजार करोड़ खर्च हो चुका है। मिलिट्री में किए गए खर्च में सबसे ज्यादा तेजी 2013 में देखने को मिली है। चीन को उसके ही पड़ोस में घेरने की तैयारी है। आसियान देशों को तेजस देने की बात हो रही है।

आसियान देशों के बीच बड़ी तेजी से हथियारों की मांग बढ़ रही है।स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक साउथ ईस्ट एशियाई देशों का मिलिट्री खर्च दो दशकों में दोगुना हो गया है। साल 2000 में ये देश अपनी सुरक्षा पर 1.67 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रहे थे। 2021 में ये बढ़कर 3.57 हजार करोड़ खर्च हो चुका है। मिलिट्री में किए गए खर्च में सबसे ज्यादा तेजी 2013 में देखने को मिली है। चीन को उसके ही पड़ोस में घेरने की तैयारी है। आसियान देशों को तेजस देने की बात हो रही है। 

क्या है तेजस की खासियत

इसकी रेंज 3 हजार किलोमीटर है और लंबाई 13 मीटर से ज्यादा है। इसका भार 6500 किलोग्राम है। तेजस बहुत ही मारक हथियार है और यह सिंगल इंजन वाला 6,500 किलोग्राम का हल्का लड़ाकू विमान है, जिसके 50 फीसदी कलपुर्जे भारत में ही बने हैं। इसमें इजरायल का EL/M-2052 रडार लगाया गया है।

मोदी की इंडोनेशिया यात्रा 

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 अगस्त की रात 8 बजे को 20वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) में भाग लेने के लिए इंडोनेशिया जाएंगे। पीएम मोदी बुधवार (6 सितंबर) शाम को इंडोनेशिया के लिए रवाना होंगे और अगले दिन देर शाम नई दिल्ली लौटेंगे। प्रधानमंत्री इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के निमंत्रण पर जकार्ता में होंगे। आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 18वां पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) दोनों 7 सितंबर (गुरुवार) को होंगे। 

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