मोटा अनाज खाकर राहुल ने कुश्ती में मारी बाजी, कांस्य पदक जीतकर बढ़ाया मान

ओम प्रकाश निरंजन/कोडरमा. पीएम नरेंद्र मोदी पूरे देश में पोषण सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए मोटे अनाज (मिलेट्स) को प्रोत्साहित कर रहे हैं. कुछ वर्ष पहले तक देश के अधिकांश ग्रामीण इलाकों में लोग प्रमुख तौर पर मोटे अनाज मडुआ, बाजरा, मक्के की रोटी का प्रयोग करते थे, लेकिन गेहूं और धान का उत्पादन बढ़ने पर लोग धीरे-धीरे मोटे अनाज को पीछे छोड़ते चले गए. हालांकि, आज भी गांव में आर्थिक रूप से कमजोर परिवार पोषण के लिए मोटे अनाज का ही प्रयोग करते हैं.

SGFI में जीता कांस्य पदक
मोटे अनाज से शरीर को हर तरह की जरूरी पोषक तत्व प्राप्त होते हैं. खास तौर पर इसमें राष्ट्रीय स्तर पर कुश्ती प्रतियोगिता में पदक जीत कर कोडरमा के राहुल कुमार यादव ने इसका उदाहरण पेश किया है. दिल्ली में आयोजित स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता में राहुल ने अंडर 19 बालक वर्ग ग्रीको रोमन स्टाइल 77 किलो वजन भार में कांस्य से पदक जीता है. इसके कुछ दिन पहले ही राहुल ने झारखंड में राज्य स्तर पर सीनियर राज्यस्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता था.

स्टेशन पर ढोल नगाड़े के साथ स्वागत
कोडरमा स्टेशन पर ढोल नगाड़े के साथ सोमवार की सुबह कोडरमा जिला कुश्ती संघ के पदाधिकारियों और खेल प्रेमियों ने राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता राहुल कुमार यादव का जोरदार स्वागत किया. इस दौरान मौके पर मौजूद राहुल के पिता पेशे से किसान सीताराम यादव ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे को इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए काफी संघर्ष किया है. गरीबी की हालत में भी उन्होंने अपने बेटे को खेल में बेहतर करने के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया. जिसका परिणाम आज सबके सामने है. राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने से आज पूरा गांव और पंचायत गौरवान्वित महसूस कर रहा है.

मोटा अनाज खिलाकर बेटे को किया तैयार
राहुल के द्वारा कुश्ती में राष्ट्रीय स्तर पर कांस्य पदक जीतने के बाद उनके पिता ने बताया कि घर की आर्थिक स्थिति इतनी ठीक नहीं है. खेत में जो अनाज उपजता है उसी से परिवार का भरण पोषण होता है. उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने बेटे को मोटा अनाज मडुआ और मक्के की रोटी खिलाकर आज इस काबिल बनाया है कि वह राष्ट्रीय स्तर पर कई राज्यों के कुश्ती खिलाड़ियों को पछाड़कर झारखंड के लिए कांस्य पदक जीतकर लाया है. उनका पूरा परिवार मिट्टी के कच्चे मकान में रहता है और आज भी उनके घर मिट्टी के चूल्हे पर ही खाना बनता है. अब राहुल सीनियर राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता में पदक जीतने के लिए तैयारी करेगा.

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