मोक्षदा एकादशी के दिन इन 3 उपायों से प्रसन्न होगी मां लक्ष्मी, अयोध्या के ज्योतिषी से जानें सब

सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या : सनातन धर्म में एकादशी तिथि का बड़ा अधिक महत्व माना जाता है. साल के प्रत्येक महीने में दो बार एकादशी का व्रत रखा जाता है. एक कृष्ण पक्ष में तो दूसरा शुक्ल पक्ष में लेकिन हर एकादशी का महत्व अलग होता है.एकादशी तिथि को पूरी तरह भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है.इस दिन भगवान् विष्णु की पूरे श्रद्धा भाव से पूजा की जाती है और भोग अर्पित किया जाता है. इन्ही एकादशी तिथियों में से एक है मोक्षदा एकादशी. हिंदू पंचांग के अनुसार 22 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा.

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार मोक्ष प्राप्ति के लिए मोक्षदा एकादशी का विशेष महत्व माना जाता है. इतना ही नहीं इस एकादशी को मोह का नाश करने वाला एकादशी भी माना जाता है. मोक्षदा एकादशी के दिन पूरे श्रद्धा भाव से श्री हरि की आराधना की जाती है. धार्मिक ग्रंथो के अनुसार द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में इसी दिन गीता का ज्ञान दिया था. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन कुछ खास उपाय करने से माता लक्ष्मी की भी विशेष कृपा बरसती है.

कब है मोक्षदा एकादशी 2023?
अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि इस बार मोक्षदा एकादशी 22 दिसंबर, शुक्रवार के दिन पड़ रही है. 22 दिसंबर को प्रातः 08:16 मिनट से एकादशी की तिथि शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन अगले दिन 23 दिसंबर को प्रातः 07:11 मिनट पर हो जाएगा. धार्मिक मान्यता के मुताबिक इस दिन श्री हरि की आराधना करने से सभी तरह के मोह का नाश होता है.

मोक्षदा एकादशी के दिन करें ये उपाय
1. मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान श्री कृष्ण और श्रीमद्भगवद्गीता का पूजन-अर्चन करना चाहिए. इसके अलावा इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा पाने के लिए दोपहर के बाद भोजन करना चाहिए. ऐसा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जल्द प्रसन्न होती है.

2. मोक्षदा एकादशी के दिन सुबह जल्द उठकर स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इसके बाद भगवान श्री कृष्ण की पूजा आराधना करनी चाहिए. दीप धूप जलाना चाहिए और शाम के समय दीपक जलाकर उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए. ऐसा करने से माता लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहती है.

3. एकादशी तिथि के अगले दिन द्वादशी को पूजन के बाद जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन और दान-दक्षिणा देना चाहिए. इसके साथ ही भोजन ग्रहण करके व्रत खोलना चाहिए. इस दिन दान-पुण्य करने वाले को कभी किसी मुसीबत का सामना नहीं करना पड़ता है. इस दिन पर अनाज का दान करना बेहद शुभ माना जाता है. दान-दक्षिणा के बाद व्रत का पारण करना चाहिए.

(.नोट: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र द्वारा आधारित है न्यूज़ 18 किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता.)

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