मैसेज और एंटरटेनमेंट दोनों ही मोर्चों पर गच्चा खा जाती है विक्की कौशल की ‘द ग्रेट इंडियन फैमिली’

मैसेज और एंटरटेनमेंट दोनों ही मोर्चों पर गच्चा खा जाती है विक्की कौशल की 'द ग्रेट इंडियन फैमिली'

The Great Indian Family Movie Review: जानें कैसी है द ग्रेट इंडियन फैमिली

खास बातें

  • The Great Indian Family Movie Review: जाने कैसी है फिल्म
  • द ग्रेट इंडियन फैमिली के हीरो हैं विक्की कौशल
  • मानुषी छिल्लर ने भी दिया है विक्की कौशल का साथ

नई दिल्ली:

‘द ग्रेट इंडियन फैमिली’ फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. फिल्म को धूम सीरीज डायरेक्ट करने वाले डायरेक्टर विजय कृष्ण आचार्य ने डायरेक्ट किया है. फिल्म में विक्की कौशल, मानुषी छिल्लर, मनोज पाहवा, कुमुद मिश्रा और यशपाल शर्मा हैं. फिल्म को छोटे शहर की पृष्ठभूमि में बुना गया है. देसीपन की महक और छोटे शहर की बातों को पिरोने की कोशिश की गई है. फिल्म में हिंदू-मुस्लिम संबंधों को लेकर संदेश भी है. लेकिन जो बात इस पूरी फिल्म में मिस है, वह है इस तरह के विषय को बनाने के लिए जरूरी मजबूत कहानी और  मजबूत संदेश के साथ दर्शकों का मनोरंजन करने की कूवत. फिल्म खींची हुई और बहुत ज्यादा उपदेशात्मक लगती है क्योंकि अगर मैसेज को एंटरटेनमेंट की डोज के साथ दिया जाए तो दर्शकों के गले में उतारना आसान होता है. लेकिन ‘द ग्रेट इंडियन फैमिली’ मैसेज और एंटरटेनमेंट का कॉकटेल बनाने के मोर्चे पर गच्चा खा जाती है. 

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‘द ग्रेट इंडियन फैमिली’ की कहानी

फिल्म की कहानी विक्की कौशल की है जो बलराम पुर के हिंदू परिवार से हैं. विक्की कौशल फेमस भजन सिंगर है और अपनी जिंदगी में मस्त है. उसका एक लव इंट्रेस्ट भी है. जीवन मस्त चल रहा होता है. लेकिन एक दिन कुछ ऐसा होता है कि भजन सिंगर भजन कुमार को लेकर एक राज खुलता है और पूरी दुनिया ही बदल जाती है. बस यहीं से कहानी करवट लेती है. फिल्म अब हिंदू और मुसलमान के मुद्दे को लेकर आगे बढ़ती है. लगभग दो घंटे की इस फिल्म में हल्के-फुल्के पल भी बुनने की कोशिश की गई है. लेकिन पूरी फिल्म में नजर आता है कि डायरेक्टर एक संदेश देने की कोशिश में हैं. बेशक संदेश अच्छा है लेकिन कहानी उसे सही से सपोर्ट नहीं कर पाती है. जिससे मनोरंजन हवा हो जाता है, और संदेश हावी.

‘द ग्रेट इंडियन फैमिली’ का डायरेक्शन

विजय कृष्ण आचार्य धूम सीरीज की तीन फिल्में बना चुके हैं. लेकिन 2018 में रिलीज हुई उनकी ठग्स ऑफ हिंदोस्तान बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हो सकी थी. पांच साल के बाद वह द ग्रेट इंडियन फैमिली लेकर लौटे तो फिल्म को बनाने का उद्देश्य क्या था या फिर इस फिल्म में वह दिखाना क्या चाहते थे क्लियर ही नहीं हो पाता है. फिल्म बहुत ही फ्लैट है और सोशल मैसेज देने के चक्कर में बोरिंग भी हो जाती है. जिस तरह से विक्की कौशल का कैरेक्टर गढ़ा है, वह भी बहुत ही सतही है. कुल मिलाकर फिल्म डायरेक्शन से कहानी तक के मामले में कोई उम्मीद नहीं जगाती है.

‘द ग्रेट इंडियन फैमिली’ में एक्टिंग

एक्टिंग के मोर्चे पर विक्की कौशल ने ठीक-ठाक काम किया है. फिल्म में कुछ भी एक्सेप्शनल नहीं है तो ऐसे में उनके किरदार में भी कोई दम नजर नहीं आता. विक्की कौशल की एक्टिंग कई सीन्स में किरदार के साथ मैच नहीं कर पाती है. मानुषी छिल्लर को जो काम दिया गया है, उन्होंने ठीक ठाक किया है. सीनियर एक्टर मनोज पाहवा, कुमुद मिश्रा और यशपाल शर्मा जरूर कुछ असरदार दिखते हैं.

‘द ग्रेट इंडियन फैमिली’ वर्डिक्ट

विक्की कौशल के फैन्स जरूर इस फिल्म को एक बार देख सकते हैं. मनोरंजन की चाहत रखने वालों को निराशा हो सकती है.

रेटिंग: 2/5 स्टार
डायरेक्टर: विजय कृष्ण आचार्य
कलाकार: विक्की कौशल, मानुषी छिल्लर, मनोज पाहवा, कुमुद मिश्रा और यशपाल शर्मा 

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