मैसूर में पहली मुलाकात से संसद सुरक्षा में सेंध तक…किसने-कहां-कब रची साजिश?

नई दिल्‍ली. लोकसभा में बुधवार दोपहर उस समय अफरा-तफरी मच गई जब दो घुसपैठियों ने परिसर में प्रवेश किया और पीले रंग का धुआं निकलने वाला स्‍प्रे छोड़ा. पुलिस ने दावा किया है कि संसद में घुसपैठ की योजना सात लोगों द्वारा बनाई गई थी, जो हमले को अंजाम देने से पहले काफी समय तक एक-दूसरे के संपर्क में थे. पुलिस सूत्रों का कहना है कि साल 2022 में ललित झा, 26 वर्षीय सागर शर्मा और 34 वर्षीय मौरंजन डी के बीच कर्नाटक के मैसूर में मुलाकात हुई थी. तब तीनों ने मिलकर देश का ध्यान आकर्षित करने के लिए संसद में घुसपैठ की योजना बनाई थी. बाद में इस तिकड़ी में 37 वर्षीय नीलम और 25 वर्षीय अमोल भी शामिल हो गए. पांच लोगों का समूह फेसबुक भगत सिंह फैन पेज से जुड़ हुआ था.

इस वारदात के पीछे मुख्य साजिशकर्ता कथित तौर पर ललित झा ने मनोरंजन को जुलाई में संसद भवन की रेकी करने के लिए कहा था. बीते रविवार को पांच लोगों का समूह गुरुग्राम निवासी विशाल शर्मा के घर पर मिला और मंगलवार तक वहीं रहा. बुधवार सुबह पांचों संसद भवन के लिए रवाना हुए. मनोरंजन ने पहले ही मैसूर के सांसद प्रताप सिम्हा के माध्यम से विजिटर पास का इंतजाम कर लिया था. प्‍लान के तहत सागर और मनोरंजन ने नए संसद भवन में प्रवेश किया और लोकसभा की विजिटर गैलरी में पहुंच गए. दोपहर करीब 1:00 बजे, सागर ने धुएं का डिब्बा लेकर दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में छलांग लगा दी. मनोरंजन ने भी कूदने की कोशिश की और रेलिंग से लटकता नजर आया. दोनों ने अपने जूतों के अंदर धुएं के डिब्बे छिपा रखे थे.

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ललित ने रिकॉर्ड किया वीडियो
हंगामा मच गया लेकिन दोनों को सदन में सांसदों ने पकड़ लिया और उनकी पिटाई की और सुरक्षाकर्मियों को सौंप दिया. लगभग उसी समय, नीलम और अमोल ने संसद भवन के बाहर नारे लगाए और कलर स्‍प्रे से रंग छोड़ा. इस बीच, ललित ने एक वीडियो रिकॉर्ड किया जो बाद में इंस्टाग्राम पर सामने आया. नीलम और अमोल को पुलिस ने पकड़ लिया, जबकि ललित भागने में सफल रहा. इसके बाद सागर, मनोरंजन, नीलम और अमोल को संसद मार्ग पुलिस स्टेशन ले जाया गया.

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स्‍पेशल सेल को मिली 7 दिन की रिमांड
इन सभी के खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनिय.म के तहत मामला दर्ज किया गया है. विशाल और उनकी पत्नी को भी गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया. उसी के घर में सभी 10 दिसंबर को इकट्ठा हुए थे. बाद में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल जांच में शामिल हुई. गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों आरोपियों की 7 दिन की हिरासत दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल को दे दी.

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