मैदान के लिए जंग! आमने-सामने दो सरकारी विभाग, खिलाड़ियों ने भी ठोका दावा, सब पर भारी पड़े DM

भरत तिवारी/जबलपुर: शहर में इन दिनों एक ऐसा विवाद छिड़ गया है, जिसमें अब जनता के साथ सरकारी विभाग भी भिड़ गए हैं. जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के पास बने बड्डा दादा ग्राउंड को लेकर दो सरकारी विभाग आमने-सामने हैं. इस ग्राउंड में सीएम राइज स्कूल के निर्माण कार्य शुरू होने पर विवाद बढ़ा था, जिसके बाद डीएम ने निर्माण कार्य रोक दिया गया है.

बड्‌डा दादा ग्राउंड पर जहां शिक्षा विभाग स्कूल बनवाना चाहता है, तो वहीं मेडिकल कॉलेज प्रबंधन वहां चिकित्सा कार्यों के लिए ज़मीन को आरक्षित करना चाहता है. इसके अलावा बड्डा दादा मैदान में क्रिकेट खेलने वाली खिलाड़ी भी इसे नहीं छोड़ना चाहते. अब तीनों पार्टियां इस मैदान के लिए झगड़ रही हैं. फिलहाल, गेंद प्रशासन के हाथ में है और मामले के निपटारे का प्रयास किया जा रहा है.

सुनील गवास्कर भी खेल चुके यहां
जबलपुर में बड्डा दादा ग्राउंड को लेकर चल रहे विवाद में उस मैदान में सालों से खेल रहे खिलाड़ी पिस रहे हैं. बता दें कि जबलपुर के उस क्षेत्र में दूर-दूर तक कोई दूसरा खेल मैदान नहीं है. क्षेत्रीय लोगों के मुताबिक बड्डा दादा खेल मैदान वही मैदान है, जहां किसी ज़माने में सुनील गावस्कर ने भी एक ओवर खेला था. वहीं, यहां सालों से क्रिकेट खेल रहे खिलाड़ियों का कहना है कि अगर ग्राउंड में स्कूल बन जाएगा तो फिर उनके खेलने के लिए कोई और जगह नहीं बचेगी. जबलपुर के पश्चिम क्षेत्र में कुल दो से तीन खेल मैदान ही हैं और जिस क्षेत्र में बड्डा दादा मैदान है, वहां से बाकी के मैदान दूर हैं. इसके चलते सभी खिलाड़ियों को वहां स्कूल बन जाने के बाद खेलने की जगह नहीं बचेगी.

शिक्षा विभाग और मेडिकल कॉलेज प्रबंधन भिड़े
क्षेत्र में शिक्षा के विस्तार के लिए बड्डा दादा मैदान में सीएम राइज स्कूल बनाने की मंजूरी दी गई थी, जिसका निर्माण कार्य भी वहां शुरू कर दिया गया था. लेकिन, निर्माण कार्य होता देख क्षेत्रीय जनता भड़क गई और निर्माण कार्य पर रोक लगाने की मांग की. वहीं, मेडिकल कॉलेज प्रबंधन उस क्षेत्र को अपनी चिकित्सकीय योजनाओं के लिए आरक्षित करना चाहता है. उनका कहना है कि इस मैदान का उपयोग मेडिकल छात्र-छात्राएं अपनी खेल गतिविधियों के लिए करते हैं. वहां स्कूल बनने के बाद उनकी खेल गतिविधियों के लिए कोई जगह नहीं बचेगी. साथ ही भविष्य में मेडिकल कॉलेज के विस्तार के लिए भी कोई ज़मीन नहीं बचेगी.

डीएम ने लगा दी रोक
जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने पूरे मामले को संज्ञान में लिया है और सभी पक्षों की बातों को सुनने के बाद जब तक मामले में कुछ निष्कर्ष नहीं निकलता, तब तक वहां निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है.

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