मैकेनिकल इंजीनियर का कमाल…’मेड इन बिहार’ को बनाया ग्लोबल! कबाड़ से बनी चीजों की दुनिया हुई दीवानी

गौरव सिंह/भोजपुर. अगर आप क्रिएटिव हैं तो कबाड़ से शानदार चीज बना सकते हैं. बिहार के आरा में एक ऐसा युवा कबाड़ से प्रयोग करने वाले चीजों को बनाता है. दरअसल इनके घर में ऐसी दर्जनों वस्तुएं दिख जायंगी, जोकि सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होती हैं. हैरानी की बात ये है कि इस युवा के घर की सारी चीजें कबाड़ से बनाई हुई हैं, जिसमें दरवाजा, खिड़की, ग्रिल आदि शामिल है. यही नहीं, अब प्रशांत कुमार ने इतनी महारत हासिल कर ली है कि तमाम देशों के छात्र-छात्राएं आरा में प्रशिक्षण लेने आ रहे हैं.

आरा के मैकेनिकल इंजीनियर प्रशांत कुमार कबाड़ का कमाऊ उपयोग बखूबी समझते हैं. वे लंबे समय से वेस्ट और अन्य वस्तुओं को दूसरा जीवन (स्वरूप) देते आ रहे हैं. वे उसे सजावटी वस्तुओं का रूप देते हैं और बाजार में अच्छी कीमत में बेचते हैं. उनके इस हुनर की दुनिया दीवानी है. इस कारण उनसे प्रशिक्षण लेने देश-विदेश के लोग आरा आते हैं. बता दें कि प्रशांत कुमार ने तीन साल पहले आरा के गोढना रोड में प्रशिक्षण केंद्र खोला है, जहां अब अक्‍सर विदेशी छात्र छात्राएं नजर आते हैं.

अमेरिका, इंग्लैंड और जर्मनी से आते हैं छात्र
प्रशांत कुमार के मुताबिक, छात्र-छात्राओं के अलग-अलग बैच आउटडोर ट्रेनिंग के लिए आते हैं. इस वर्ष पहली बार अमेरिका, इंग्लैंड, जर्मनी आदि देशों के छात्र-छात्राएं यहां आए और 10 दिनों तक रहकर प्रशिक्षण लिया. अब इसी महीने (अक्टूबर) में कई देशों के छात्र-छात्राएं इस तकनीक को सीखने आने वाले हैं. साथ ही बताया कि वेस्ट की स्टील व अन्य सामग्रियों से यहां घोड़ा, मोर, कबूतर, कुर्सी, टेबल, लाइट, लैंप, घड़ी, घरों में सजावट के समान समेत गिफ्ट आइटम कम लागत पर तैयार किए जाते हैं. इसके बाद रंग रोगन कर इसे खूबसूरत बनाकर पुणे समेत अन्य स्थानों पर महंगी कीमत पर बेचा जाता है. बता दें कि प्रशांत ने हाल में कबाड़ की प्लास्टिक और लकड़ी की सामग्रियों से नदी पर तैरने वाले घर का ढांचा तैयार किया है, जो चर्चा में है.

बिहार की बदलती छवि से विश्व को अवगत कराना चाहते हैं प्रशांत
मैकेनिकल इंजीनियर प्रशांत पुणे के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका, जर्मनी आदि दूसरे देशों में भी प्रशिक्षण देने के लिए जाते थे. अब बिहार की बदलती छवि से विश्व के लोगों को अवगत कराने के लिए वे अपने यहां बाहरी छात्रों को प्रशिक्षण देने के लिए बुलाने लगे हैं. उन्‍होंने कहा कि हम पूरी दुनिया को ऐसी चीज देना चाहते हैं, जिस पर मेड इन बिहार, मेड इन आरा का ठप्पा हो और दुनिया वाले इसे खुशी से खरीद कर अपने घरों में प्रयोग करें. इसी मोटिव की वजह से हमने पढ़ाई बीच में छोड़ की और लगातार अपने लक्ष्य को लेकर लगे हुए हैं. अब समय आ गया कि रिबिर्थ के नाम से प्रोजेक्ट लॉन्‍च करें.

पत्नी देती है साथ
प्रशांत कुमार की पत्नी साशा उपाध्यय ने फाइन आर्ट्स से मास्टर की है. वह बॉलीवुड की कई फिल्मोंके अलावा टीवी सीरियल में आर्ट डायरेक्टर रह चुकी हैं, जिसमें बाजी राव मस्तानी, बालिका वधु सीरियल आदि शामिल हैं. अब अपने पति के लक्ष्य में सब छोड़कर साथ लग चुकी हैं. साशा के मुताबिक, प्रशांत का ड्रीम था कि हमारे आसपास जितना भी ठोस कचड़ा निकले उसको रिबिर्थ कर उपयोग किया. हम इसे सफल करने में साथ हैं. अब हमारा प्रोडक्ट रिबिर्थ लॉन्‍च होने जा रहा है. इसे दुनियाभर के देश के लोग खरीद सकेंगे. प्रशांत के मुताबिक, अभी 22 देशों से संपर्क में हैं.

Tags: Bhojpur news, Made in India, Plastic waste, Success Story

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