“मैं जिंदा हूं”: यूपी के लड़के ने अपनी ‘हत्या’ के केस की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को बताया

अभय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ के सामने खड़े होकर कहा- “मैं जिंदा हूं…”

खास बातें

  • लड़के के पिता ने उसके दादा और चाचा पर उसकी हत्या का झूठा आरोप लगाया
  • अभय सिंह नाम का लड़का खुद को जिंदा साबित करने के लिए जगह-जगह भटका, लेकिन
  • सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ के सामने खड़े होकर कहा, “मैं जिंदा हूं…”

नई दिल्‍ली :

सुप्रीम कोर्ट में एक अजब नजारा देखने को मिला, जब एक लड़के ने कहा कि वह जिंदा है. 11 साल का एक लड़का शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की बेंच के सामने पेश हुआ और उन्हें यकीन दिलाया कि वह जिंदा है और उससे जुड़ा हत्या का मामला फर्जी है. ये मामला तब शुरू हुआ, जब लड़के के पिता ने उसके दादा और चाचा पर उसकी हत्या का झूठा आरोप लगाया. उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया था.

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आखिरकार खटखटाना पड़ा सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

हत्‍या का मामला दर्ज होने के बाद अभय सिंह नाम के लड़के ने केस को बंद कराने और यह साबित करने के लिए कई दरवाजे खटखटाए कि वह जीवित है. वह इलाहाबाद हाई कोर्ट की पीठ के समक्ष भी उपस्थित हुआ था, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई. इसके बाद उन्हें सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा.

लड़के ने कहा मैं जिंदा हूं…

अभय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ के सामने खड़े होकर कहा, “मैं जिंदा हूं…” अब सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार, पीलीभीत के पुलिस अधीक्षक और न्यूरिया पुलिस स्टेशन के स्टेशन अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है. अदालत ने अधिकारियों को अगले आदेश तक लड़के और उसके दादा के खिलाफ कोई भी कठोर कदम नहीं उठाने का भी निर्देश दिया है.

सुप्रीम कोर्ट के सामने अभय ने कहा, “मैं सुरक्षित हूं और अपने दादा-दादी के साथ रह रहा हूं. पुलिस हमारे घर आती रहती है और मेरे दादा-दादी को धमकाती रहती है. मैं अपने दादा-दादी के साथ ही रहना चाहता हूं. इसलिए चाहता हूं कि केस बंद कर दिया जाए.”

बदला लेने के लिए हत्‍या का झूठा आरोप…!

अभय के वकील कुलदीप जौहरी ने कहा कि लड़का 2013 से अपने नाना के साथ रह रहा था, क्योंकि उसके पिता उसकी मां को पीटते थे और अधिक दहेज की मांग करते थे. मां की मौत के बाद लड़के के दादा ने पिता के खिलाफ केस दर्ज कराया. इसलिए पिता ने लड़के के दादा पर अभय की हत्या का आरोप लगा दिया. सुप्रीम कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई जनवरी में करेगा.

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