“मैं किसी संस्था का प्रवक्ता नहीं, मैं केवल एक शिकायतकर्ता..”: महुआ मोइत्रा घूस मामले में निशिकांत दुबे

नई दिल्ली: रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने (Cash For Query) के मामले में TMC सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) चौतरफा घिर चुकी हैं और अब सांसदी जाने का भी खतरा है. पार्लियामेंट एथिक्स कमेटी (Ethics Committee) ने इस मामले में जांच रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Om Birla) को भेज दी है. इधर. एक बार फिर झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने बिना नाम लिए महुआ मोइत्रा पर हमला बोला है, जिसमें उन्होंने ‘टुकड़े टुकड़े गैंग’ का जिक्र किया है.

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‘टुकड़े टुकड़े गैंग के लिए एक फैशन’

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ‘भारत के संवैधानिक संस्थाओं पर प्रहार देश के टुकड़े टुकड़े गैंग के लिए एक फ़ैशन बन गया है. भ्रष्टाचार की आरोपी सांसद के खिलाफ मैंने शिकायत लोकपाल में दर्ज की और लोकपाल ने उसे संज्ञान में लेकर अपनी जांच एजेंसियों को केस दर्ज करने कहा. मैं किसी संवैधानिक संस्था का प्रवक्ता नहीं हूं, मैं केवल एक शिकायतकर्ता हूं.’

वहीं, संसद की एथिक्स कमेटी ने महुआ मोइत्रा के अपराध को गंभीर माना है. सूत्रों के मुताबिक, कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है. मोइत्रा के खिलाफ इस रिपोर्ट को कमेटी ने गुरुवार की मीटिंग में मंजूरी दी थी. इस रिपोर्ट के समर्थन में 6 और विरोध में 4 सांसदों ने वोट किए थे.

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लगाए थे आरोप

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को चिट्ठी लिखी थी. इसमें उन्होंने आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे और तोहफे लिए थे. दुबे ने महुआ के एक्स पार्टनर और वकील जय अनंत देहद्राई की लिखी चिट्ठी को आधार बनाकर ये आरोप लगाए थे. इस मामले को लोकसभा स्पीकर ने एथिक्स कमेटी को भेज दिया गया था.

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