“मैंने पिच का रंग बदलते हुए देखा…” मोहम्मद कैफ ने विश्व कप फाइनल में इस्तेमाल हुई पिच को लेकर किया बड़ा खुलासा

मोहम्मद कैफ ने विश्व कप फाइनल में इस्तेमाल हुई पिच को लेकर किया बड़ा खुलासा

भारत में बीते साल हुए आईसीसी वनडे विश्व कप के फाइनल मुकाबले में भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था. भारत टूर्नामेंट में लगातार 10 मैच जीतकर फाइनल में पहुंचा था और टीम इंडिया के लीग स्टेज में दमदार प्रदर्शन को देखकर सभी भारतीय फैंस को उम्मीद थी कि भारतीय टीम को चैंपियन बनने से कोई नहीं रोक सकता. लेकिन, फाइनल में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा और टीम तीसरी बार विश्व चैंपियन बनने से चूक गई. वहीं अब मोहम्मद कैफ ने इस मैच को लेकर इस्तेमाल हुई पिच पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि भारतीय टीम पिच की डॉक्टरी के चक्कर में फंस गई और मुकाबला हार गई.

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 मोहम्मद कैफ ने ललनटॉप को दिए इंटरव्यू में फाइनल की पिच को लेकर कहा,”मैं वहां तीन दिन था, फाइनल मैच से पहले, हमने वहां से बहुत शो कि लाइव, रोहित शर्मा शाम को आए…द्रविड़ दोनों शाम को आए पिच पर गए घूमा कैसी पिच है आधा घण्टा खड़े रहे…एक घण्टा खड़े रहे…हां भाई एक दिन हो गया…सेकेंड दे फिर आए, घूम रहे हैं, अप-डाउन कर रहे हैं, अप-डाउन कर रहे हैं, एक घण्टा वहां बातचीत कर रहे हैं, कैसे क्या है…ये तीन दिन लगातार हुआ है और मैंने पिच का रंग बदलते हुए देखा है, मतलब ये नीला मैं पहन कर आया हूं, ये तीन दिन बाद पीला दिखेगा…ऐसा कलर चेंज होते देखा मैंने. कोई वाट्रड़िंग नहीं, कोई घास नहीं…उनका था कि धीमा पिच दो भाई…यह सच्ची बात है…चाहे लोग ना मानें…ये मैंने अपनी…बतौर कमेंटेटर बोल रहा हूं कि वहां मौजूद था कि, कमिंस है स्टार्क है, इनके पास तेज गेंदबाजी है, इनको ना स्लो पिच दो…वहां गलती हुई…100 प्रतिशत…चाहे लोग कितना भी बोले ना कि क्यूरेटर अपना काम करता है…हम कुछ नहीं वहीं बोलते…बकवास है…”

मोहम्मद कैफ ने आगे कहा,”आप जब वहां टहल रहे हो तो 100 प्रतिशत बात करते हो आप…कि भाई थोड़ा घास कम कर दे यार…पानी कम डालना…दो ही लाइन तो बोलनी है…ये होता है..सच्ची बात है…और घर पर मैच खेल रहे हो…तो एडवांटेज लो क्यों नहीं…पर मुझे लगा ज्यादा उन्होंने एडवांटेज के चक्कर में…धीमा पिच मिला…धीमा पिच मिला तो कमिंस ने एक लर्निंग हुई…कमिंस ने पहला मैच अगर आपको याद हो चेन्नई में था…भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया…कमिंस ने वहां भी टॉस जीता था और कमिंस ने कहा था…ये स्लो पिच है यहां पहले बैटिंग करेंगे…बाद में ड्यू आई और इंडिया वो मैच आराम से जीत गया…चेज कर गया..पहले ड्राइ पिच पर स्लो पिच पर बैटिंग मुश्किल थी…तो कमिंस ने वो लर्निंग लेकर आई…”

मोहम्मद कैफ ने पैट कमिंस की कप्तानी की तारीफ करते हुए आगे कहा,”चाहे बड़ा मैच था फाइनल था..पर लोग फाइनल में टॉस जीतकर फील्डिंग नहीं करते हैं…रिकॉर्ड है ये…हमने की थी एक बार 2003 में…और हम वहां भी हार गए थे…जब गांगुली कैप्टन थे…पर कमिंस ने सीख के आया कि यार…धीमा पिच है कोई बात नहीं..हम यहां चेज ही करेंगे…बड़ा मैच है फर्क नहीं पड़ता क्योंकि ड्यू फैक्टर है बॉल गीला होगा तो बैटिंग आसान है…तो उस लिहाज से उसने फील्डिंग करी..हम फंस गए…धीमा पिच पर पहले बैटिंग करके…नॉर्मल पिच होता…मोहम्मद शमी जो फॉर्म में है…आप नाम लो ना…बुमराह, जडेजा, कुलदीप भाई तूफानी गेंदबाजी…नॉर्मल फ्लैट पिच पर खेलते 100 प्रतिशत इंडिया वो मैच जीतती…रन भी बनते…हम डिफेंड भी करते…विकेट में थोड़ा था डॉक्टरी के चक्कर में हम फंस गए…”

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