मेहनत रंग लाई… पढ़ाई के साथ शुरू की खीरे की खेती, सिर्फ इतने दिनों में युवा किसान बना लखपति

जितेन्द्र कुमार झा/लखीसराय. नौकरी अगर अच्छी हो तो खेती किसानी के बारे में भला कौन सोच सकता है. हालांकि बदलाव के इस युग में बहुत सारे लोग ऐसे भी हैं, जो अपने जज्बे और जिद की बदौलत नई राह पर चल पड़े हैं. दरअसल आपने बहुत सारी खबरों के बारे में सुना या पढ़ा होगा कि किसी ने इंजीनियर की नौकरी तो किसी ने अच्छे पैकेज की प्राइवेट नौकरी छोड़कर किसानी शुरू कर दी. ऐसे लोग समाज के लिए एक प्रेरणाश्रोत बन गए हैं. आज हम लखीसराय जिला के मननपुर गांव के ऐसे युवा किसान से रूबरू करा रहे हैं, जो पढ़ाई के साथ खेती कर रहा है. दरअसल किसान गोलू कुमार आर्थिक तंगी के चलते बाहर जाकर नहीं पढ़ सकते थे, इसलिए गांव में रखकर एक बीघा में खीरा की खेती करने लगे और इससे उनको अच्‍छा मुनाफा हो रहा है.

गोलू कुमार ने बताया कि मन से अगर किसी भी काम को किया जाए, तो उसमें सफलता जरूर मिलती है. घर की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि अपने गांव से बाहर रहकर पढ़ाई कर सकें, इसलिए कम उम्र में खुद को सशक्त बनाने के लिए खेती-किसानी का माध्यम चुन लिया. गोलू ने बताया कि एक बीघा में फिलहाल खीरा की खेती कर रहे हैं, जिसमें कुल लागत 40 से 50 हजार रुपये के करीब आई है. खीरे की खेती से इस बार कमाई अच्छी हो रही है.

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हर दूसरे दिन 3 से 4 क्विंटल खीरा का होता है उत्पादन
गोलू कुमार ने बताया कि पिछले दो वर्ष से हरी सब्जी की खेती कर रहे हैं. इस बार खीरे की खेती कर रहे हैं. खीरा का उत्पादन काफी अच्छा हो रहा है. उन्होंने बताया कि हर दूसरे दिन 3 से 4 क्विंटल खीरा खेत से निकल रहा है. मंडी में भी अच्छा खासा भाव मिल रहा है. उन्होंने बताया कि हरी सब्जी की खेती में मौसम की भूमिका अहम रहती है. अगर मौसम अच्छा रहा तो किसान को मालामाल कर सकता है. गोलू ने बताया कि पिछले 3 महीने में 2 लाख से अधिक की कमाई कर चुके हैं. इसके साथ ही पढ़ाई को भी जारी रखा है. बता दें कि गोलू कुमार इस समय बीए फर्स्ट ईयर के छात्र हैं.

Tags: Farming, Local18, Success Story

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