अभिषेक जायसवाल/वाराणसी: शरद पूर्णिमा के दिन साल का दूसरा और अंतिम चंद्रग्रहण लगने जा रहा है. यह ग्रहण मध्यरात्रि में 1 बजकर 5 मिनट से शुरू होगा. ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, चंद्रग्रहण का नकारात्मक प्रभाव भी होता है. खासकर उन जगहों पर जहां ग्रहण दिखाई देता है. यह ग्रहण मेष राशि और अश्वनी नक्षत्र पर लगने जा रहा है. जिसके कारण इन अक्षरों से शुरू होने वाले लोगों के लिए यह ग्रहण अशुभ प्रभाव भी दे सकता है.
काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि मेष राशि के लोगों के साथ यह ग्रहण वृष, मकर और मीन राशि के लोगों के लिए भी अच्छा नहीं होगा. ऐसे में जिनके नाम अ, ल, च, व, ओ, ख, गा और द से शुरू होता है, उनके लिए चंद्रग्रहण के बाद कई तरह की मुश्किलें जीवन में आ सकती हैं.
इतने बजे होगी ग्रहण की शुरुआत
पंचाग के अनुसार यह ग्रहण 28 अक्टूबर को रात 1 बजकर 5 मिनट पर लगेगा, जबकि मोक्ष 2 बजकर 24 मिनट पर होगा. भारत में यह ग्रहण देखा जा सकता है. इसलिए शाम 4 बजकर 5 मिनट से सूतक काल की शुरुआत भी हो जाएगी.
बन्द होते है मंदिर के कपाट
बताते चलें कि सूतक काल में देव विग्रह के स्पर्श को नही करना चाहिए. इसके अलावा ग्रहण का साया भी देव विग्रहों पर न पड़े, इसके लिए मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं. कहा जाता है, जिन जगहों पर ग्रहण का साया पड़ता है, वहां इससे अच्छे और बुरे का असर होता है. इसलिए ग्रहण काल में इसके दोष को कम करने के लिए जप और तप करना चाहिए.
(नोट: यह खबर धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषशास्त्र पर आधारित है. News 18 इसके सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.)
.
Tags: Local18, Religion 18, Uttar pradesh news, Varanasi news
FIRST PUBLISHED : October 21, 2023, 15:16 IST