‘मेरे लिए यह असहनीय है कि..’ RCA से वैभव गहलोत का इस्तीफा, जानें कौन बनेगा अगला अध्यक्ष?

जयपुर. राजस्थान क्रिकेट की राजनीति में सोमवार को उस समय जबर्दस्त उबाल आ गया, जब आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. वैभव गहलोत पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे हैं. वे दो साल पहले लगातार दूसरी बार आरसीए के अध्यक्ष चुने गए थे. आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर सदस्यों के हस्ताक्षर हो गए थे. अविश्ववास प्रस्ताव पर चौथाई बहुमत से हस्ताक्षर किए जाने का दावा किया गया था. अविश्वास की प्रक्रिया सिरे चढ़ती उससे पहले ही वैभव ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उसके बाद अब माना जा रहा है कि जल्द ही कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया जा सकता हैं.

दरअसल, आरसीए में अध्यक्ष और सचिव के बीच लंबे समय से मनमुटाव बना हुआ था और इसी बीच स्टेडियम का एमओयू समाप्त हो गया था, जिसके बाद माना जा रहा था कि सरकार की ओर से अगला कदम  एडहॉक कमेटी लगाने का हो सकता हैं लेकिन इससे पहले ही सचिव भवानी सामोता के गुट ने बाकी कार्यकारिणी के साथ अध्यक्ष वैभव गहलोत के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारियां कर ली थीं. 25 से अधिक जिला संघों ने तीन चौथाई बहुमत के साथ अविश्ववास प्रस्ताव तैयार कर लिया था, जिसके बाद वैभव गहलोत ने सोशल मीडिया पर अपना इस्तीफा देने की की घोषणा कर दी.

वैभव गहलोत ने इस्तीफे के बाद कहा कि  एसएमएस स्टेडियम को लेकर  एमओयू तो कांग्रेस सरकार के दौरान भी आगे बढ़ाया जा सकता था लेकिन उन्होंने कभी भी नियमों के विपरीत जाकर कभी काम नहीं किया. आरसीए पर कार्रवाई  मौजूदा सरकार की मंशा साफ झलकती है. सरकार हमें काम नहीं करने देना चाहती, इसीलिए मैंने इस्तीफा का निर्णय लिया.

वैभव ने अपने पत्र में कहा, ‘राजस्थान क्रिकेट संघ में अविश्वास का माहौल बनाने का प्रयास शुरू किया गया. इससे प्रदेश में क्रिकेट का जो सकारात्मक माहौल बना है उसके खराब होने का भी अंदेशा हो गया है. ऐसे में मेरे लिए यह असहनीय है कि राज्य में आईपीएल के मैचों पर कोई संकट आए और क्रिकेट को नुकसान हो. अतः मैं राजस्थान क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पद से स्वेच्छा से इस्तीफा देता हूं.’

अशोक गहलोत ने किया बेटे वैभव का बचाव
आरसीए की राजनीति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी बेटे वैभव गहलोत का बचाव करते नजर आए. गहलोत ने कहा कि पिछली सरकार में  एमओयू को बढ़ा सकते थे लेकिन हमने इसे सामान्य प्रक्रिया समझते हुए नहीं बढ़ाया. हमने सोचा था कि रूटीन में ही ये काम हो जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार में आरसीए में अच्छा काम किया, आईपीएल-अंतरराष्ट्रीय मैच लाए. गहलोत ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की सोच साकार की, माहौल अच्छा बन रहा था लेकिन नई सरकार ने एमओयू नहीं बढ़ाया, राजनीतिक दबाव बनाकर कब्जा करने की कोशिश हो रही है.

राज्यवर्धन सिंह ने किया पलटवार
दूसरी तरफ, खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह का पलटवार भी सामने आ गया. राठौड़ ने कहा कि मौजूदा घटनाक्रम को लेकर राठौर ने कहा कि आरसीए को 6 महीने में ऑडिट रिपोर्ट देनी चाहिए थी. खेल परिषद ने सहकारिता को पत्र लिखा. क्या आरसीए गरीब संस्था है जो बिजली का बिल नहीं चुका पाई. पिछली सरकार ने खेलो के लिए केवल 126 करोड़ रुपये में टी-शर्ट और निकर खरीदने का काम किया. जो अभी भी सरकारी दफ्तर में पड़े हुए हैं. जो युवाओं की बात करते हैं वह केवल खुद के परिवार पर ही सीमित नजर आए. हालांकि राठौड़ ने आईपीएल मैचों को लेकर बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि सरकार आईपीएल मैचों का आयोजन कराएगी.

कौन बनेगा अगला अध्यक्ष?
आरसीए में हाल ही दिनों में बीजेपी नेता राजेन्द्र राठौड़ के बेटे पराक्रम सिंह की एंट्री हुई थी लेकिन पहले से आरसीए की सियासत में मौजूद धनंजय सिंह खींवसर की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है. आरसीए धनजंय सिंह बीजेपी की भजनलाल सरकार के कैबिनेट मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के बेटे हैं.  वर्तमान हालात के बाद बताया जा रहा है कि आरसीए सचिव के साथ बाकी कार्यकारिणी सदस्य बने रहेंगे.

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