
नई दिल्ली :
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पार्टी के जारी संकट के बीच इस्तीफे की पेशकश की है. मुख्यमंत्री सुक्खू का कहना है कि अगर मेरे इस्तीफे से सरकार बचती है, तो मैं हटने को तैयार हूं. हिमाचल में कांग्रेस के खेमे में काफी राजनीतिक उथल-पुथल चल रही है. पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे और हिमाचल सरकार में केंद्रीय मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इस्तीफा दे दिया है. विक्रमादित्य सिंह ने आरोप लगाया है कि पार्टी में विधायकों की बात को सुना नहीं जाता है.
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भाजपा के उम्मीदवार हर्ष महाजन ने कांग्रेस के दिग्गज नेता अभिषेक मनु सिंघवी को हराकर राज्यसभा सीट पर जीत हासिल की. इसके बाद से ही यह राजनीतिक घटनाक्रम देखा जा रहा है. कांग्रेस और भाजपा दोनों उम्मीदवारों को 34 मत मिले जिससे संकेत मिलते हैं कि कांग्रेस के छह विधायकों ने पार्टी के खिलाफ मतदान किया. इसके बाद ‘ड्रॉ’ जरिए परिणाम घोषित किए गये.
हिमाचल में नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने कहा कि मंगलवार को राज्यसभा चुनाव के नतीजों से यह स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस सरकार अल्पमत में है और उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से इस्तीफा देने की मांग की. राज्य विधानसभा की 68 सीटों में से कांग्रेस के पास 40 और भाजपा के पास 25 सीटें हैं. बाकी तीन सीट पर निर्दलीयों का कब्जा है.
इस बीच हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 15 विधायकों को बुधवार को निलंबित कर दिया और फिर सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. भाजपा विधायकों को मंगलवार को पठानिया के कार्यालय के बाहर मार्शलों के साथ ‘‘दुर्व्यवहार” करने और सदन में अव्यवस्था पैदा करने के लिए निलंबित किया गया है. निलंबित विधायकों में ठाकुर के अलावा विपिन परमार, विनोद कुमार, हंस राज, जनक राज, बलबीर वर्मा, त्रिलोक जामवाल, दीप राज, सुरेंद्र शौरी, पूरन ठाकुर, इंद्र सिंह गांधी, दिलीप ठाकुर, रणधीर शर्मा, लोकेंद्र कुमार और रणवीर सिंह हैं.