‘मेरा घर 2 बार उजड़ गया और दोनों बार..’ टूटे रिश्तों का गम बर्दाश्त नहीं कर पाई सुपर एक्ट्रेस, अचानक छोड़ दिया बॉलीवुड, दर्दनाक रहा अंत

मुंबईः हिंदी सिनेमा में ऐसे कम ही स्टार रहे हैं, जिन्होंने अपने छोटे से ही करियर में बड़ा नाम कमा लिया और दर्शकों पर ऐसी छाप छोड़ गए कि कोई इन्हें सालों-साल भुला नहीं पाया. कल्पना मोहन भी हिंदी सिनेमा का एक ऐसा ही नाम रही हैं, जो अपने छोटे से ही करियर में दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ने में कामयाब रहीं. कल्पना मोहन ने अपने फिल्मी करियर में कुछ 11 फिल्में ही कीं, लेकिन गिनी-चुनी फिल्मों के दम पर हर तरफ छा गईं. अपनी जबरदस्त अदाकारी के दम पर उन्होंने नाम भी कमाया और फैन भी. कल्पना का जन्म 18 जुलाई 1946 को श्रीनगर में हुआ था और उन्होंने करीब 10 साल बॉलीवुड में काम किया. भले उनका फिल्मी सफर छोटा था, लेकिन जब तक वह हिंदी सिनेमा का हिस्सा रहीं समकालीन अभिनेत्रियों के लिए किसी खतरे से कम नहीं थीं.

कल्पना मोहन की शम्मी कपूर के साथ आई फिल्म ‘प्रोफेसर’ थी आज भी इंडस्ट्री की बेहतरीन फिल्मों में गिनी जाती है. फिल्म का गाना ‘ऐ गुलबदन’ आज भी खूब पसंद किया जाता है. सुपरहिट फिल्म के गाने भी सुपरहिट थे. जब कल्पना मोहन ने इंडस्ट्री में कदम रखा, वह तमाम अभिनेत्रियों के लिए खतरा बन गई थीं. एक अच्छी अभिनेत्री होने के साथ ही ट्रेंड कथक डांसर भी थीं. प्रोफेसर की रिलीज के साथ ही कल्पना भी सुर्खियों में छा गईं. तभी देव आनंद की नजर भी कल्पना पर पड़ी.

देव आनंद ने कल्पना को अपनी फिल्म ‘तीन देवियों’ के लिए साइन कर लिया. फिल्म में उनके साथ नंदा और सिमी गरेवाल जैसी अभिनेत्रियां लीड रोल में थीं. इस फिल्म ने भी बॉक्स ऑफिस पर सफलता के झंडे गाड़ दिए. कल्पना के पिता अवनी मोहन एक फ्रीडम फाइटर थे और पंडित जवाहरलाल नेहरू के करीबी भी. वहीं कल्पना कत्थक डांसर थीं, ऐसे में राष्ट्रपति भवन में जब भी कोई कार्यक्रम होता कल्पना को ही डांस परफॉर्मेंस के लिए बुलाया जाता. वैसे तो कल्पना का असली नाम अर्चना था, लेकिन फिल्मों में आने के पहले ही उन्होंने अपना नाम बदल लिया.

कल्पना ने जब बॉलीवुड में शुरुआत की तो मधुबाला तक को रिप्लेस कर दिया था. शम्मी कपूर के साथ आई प्रोफेसर हिट साबित हुई थी. लेकिन, इसके बाद भी जब डायरेक्टर्स ने एक बार फिर कल्पना के साथ शम्मी की जोड़ी बनानी चाही तो शम्मी कपूर ने इनकार कर दिया. उनका कहना था कि कल्पना सनकी हैं. शम्मी के इस स्टेटमेंट का कल्पना के करियर पर काफी प्रभाव हुआ. कई बड़े एक्टर्स ने उनके साथ काम करने से मना कर दिया. अपने गिरते करियर को देख कल्पना भी डिप्रेशन में जाने लगीं. तभी उनकी जिंदगी में सचिन भौमिक की एंट्री हुई. कल्पना ने सचिन के साथ घर बसाया और फिल्मी दुनिया से दूर चली गईं.

लेकिन, कल्पना और सचिन की शादी लंबे समय तक नहीं टिक पाई. कुछ ही सालों में दोनों का तलाक हो गया. इसके बाद कल्पना ने 1967 में एक नेवी अफसर से शादी कर ली. दोनों की एक बेटी भी हुई. कल्पना ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके ससुर उनसे अपना बंगला पति के नाम करने को कहते थे. उन्होंने जब ऐसा करने से मना कर दिया तो उनके दूसरे पति ने भी उन्हें तलाक दे दिया और 1972 में दोनों अलग हो गए. इसके बाद कल्पना अपनी बेटी के साथ पुणे में रहने लगीं. कल्पना के आखिरी दिन भी काफी दर्दनाक रहे. आखिरी दिनों में उन्हें चेस्ट इंफेक्शन हो गया और लकवा मार गया. पांच साल तक बीमारी से जूझते रहने के बाद आखिरकार 2012 में उन्होंने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया.

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