मेडिकल की पढ़ाई करने जा रहे चीन, तो पढ़ लें पहले पहल यह खबर

यह दिशा-निर्देश ऐसे समय जारी किए गए हैं जब चीन की मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले कई भारतीय छात्र बीजिंग के कोविड वीजा प्रतिबंध की वजह से दो साल से ज्यादा समय से घर पर बैठे हुए हैं.

News Nation Bureau | Edited By : Nihar Saxena | Updated on: 11 Sep 2022, 10:55:23 AM
China Medical Education

भारत के दूतावास ने भारतीय छात्रों के लिए जारी किए दिशा-निर्देश. (Photo Credit: न्यूज नेशन)

highlights

  • बीजिंग में भारतीय दूतावास ने मेडिकल छात्रों के लिए जारी किए दिशा-निर्देश
  • कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण चीन तक सीधी उड़ानों की संख्या है सीमित
  • इसके अलावा भी वहां पढ़ने से जुड़ी कई अन्य समस्याओं को लाया गया सामने

बीजिंग:  

चीन में मेडिकल की पढ़ाई करने के इच्छुक भारतीय छात्रों के लिए मोदी सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसके तहत भारतीय छात्रों को चीन में मेडिकल की पढ़ाई करने के बाद होने वाली कई तरह की समस्याओं से अवगत कराया गया है. मसलन मेडिकल छात्रों को परीक्षा पास होने का कम प्रतिशत, चीन की आधिकारिक भाषा पुतोंग्हुआ सीखने की बाध्यता और भारत में बतौर डॉक्टर प्रैक्टिस करने के कड़े नियमों के बारे में बताया गया है. यह दिशा-निर्देश ऐसे समय जारी किए गए हैं जब चीन की मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले कई भारतीय छात्र बीजिंग के कोविड वीजा प्रतिबंध की वजह से दो साल से ज्यादा समय से घर पर बैठे हुए हैं.

आंकड़ों के फेर को समझें
केंद्र सरकार के आधिकारिक अनुमान के अनुसार विभिन्न चीनी विश्वविद्यालयों में 23 हजार से ज्यादा भारतीय छात्रों ने दाखिला लिया हुआ है, जिनमें से बड़ी संख्या मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों की है. कोविड वीजा प्रतिबंधों के दो साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद चीन ने हाल ही में कुछ चुनिंदा छात्रों को वापस आने का वीजा जारी किया था. इसके बावजूद अधिकांश छात्र चीन वापस जाने के लिए सीधी उड़ान नहीं होने की समस्या से जूझ रहे हैं. इस बीच बीजिंग में क्वारंटीन नियमों को देखते हुए दोनों देशों के बीच सीमित उड़ान सुविधाओं के लिए बातचीत जारी है. गौरतलब है कि एक तरफ पुराने छात्र वापस नहीं जा पा रहे हैं, वहीं चीनी चिकित्सा कॉलेजों ने भारत और विदेश से नए छात्रों की प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी है.

भारत में प्रैक्टिस नहीं है आसान
अब इस परिप्रेक्ष्य में बीजिंग में भारतीय दूतावास ने भारतीय छात्रों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो चीन में मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते हैं. परामर्श में उन कठिनाइयों के बारे में बताया गया है जो चीन में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों को झेलनी पड़ सकती हैं. इसके अलावा पढ़ाई के बाद भारत में चिकित्सा की प्रैक्टिस करने के लिए उन्हें जिस योग्यता को हासिल करना पड़ता है उसके कड़े नियमों की भी जानकारी दी गई है. परामर्श में कहा गया है कि भारत में प्रैक्टिस के लिए, 2015 से 2021 के बीच केवल 16 प्रतिशत छात्र ही परीक्षा उत्तीर्ण कर सके.

एफएमजी परीक्षा पास करना मुश्किल
इस दौरान 40,417 छात्रों में से केवल 6,387 छात्र ही मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित विदेशी चिकित्सा स्नातक (एफएमजी) परीक्षा पास कर सके. दिशा-निर्देशों में साफतौर पर कहा गया है कि 2015 से 2021 के बीच जिन भारतीय छात्रों ने चीन के 45 मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालों से क्लिनिकल चिकित्सा पाठ्यक्रमों की पढ़ाई की, उनमें से केवल 16 प्रतिशत ही पास हो सके. भारतीय माता पिता को सलाह दी गई है कि अपने बच्चों को चीन में मेडिकल की पढ़ाई के लिए भेजने से पहले उन्हें इस सच्चाई को समझना चाहिए. इसके अलावा दूतावास ने आगाह करते हुए कहा है कि हर विश्वविद्यालय की फीस अलग है. ऐसे में उसमें प्रवेश लेने से पहले भारतीय छात्रों की आधिकारिक तौर पर सीधे संबंधित यूनिवर्सिटी से संपर्क करना चाहिए.




First Published : 11 Sep 2022, 10:55:23 AM






Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *