गोरखपुर13 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
मेंटेनेंस के अभाव में कबाड़ हुई रोडवेज की जनरथ बसें।
गोरखपुर में रोडवेज की बसों का हाल बदहाल हो गया है। यहां आए दिन बसें रोड पर चलते-चलते ब्रेक-डाउन हो जाती हैं। आलम यह कि एक समय में सफर के सबसे भरोसे मंद साथी रहे रोडवेज की बसों में यात्री बैठने से कतराने लगे हैं। वजह, बीच सफर में कहीं सफर न करना पड़ जाए। आए दिन देखने को मिलता है कि किसी रोडवेज की बस में शीशा नहीं है। तो किसी की छत चू रही है। वहीं कुछ बसें ऐसी भी हैं, जिसमें चलते-चलते टायर ही निकल जाता है। डीजल पाइप फटना और मोबिल चूना तो आम बात है।
2016 में राप्तीनगर डिपो को मिली थी 53 जनरथ बसें
ताजा मामला देखने को मिला गोरखपुर के राप्तीनगर डिपो मे जहां मेंटेनेंस के अभाव में लाखों रुपये की जनरथ बसों को काटकर साधारण बस बनाया जा रहा है। हैरत की बात यह है कि गोरखपुर रोडवेज अपनी साधारण बसों को मेंटेन कर सकता है। लेकिन ऐसी बसों को नहीं। जब CM सिटी का यह हाल है, तो बाकी प्रदेश के जिले में क्या हो रहा होगा समझा जा सकता है। वर्ष 2016 में राप्तीनगर डिपो को 53 जनरथ बसें मिली थी। जो लखनऊ, दिल्ली, प्रयागराज और वाराणसी रुट पर चला करती थी। दो-तीन साल तक तो सभी बसें अपने नियत समय पर चली। लेकिन उम्र बढ़ने के साथ ही घटिया मेंटेनेंस के चलते एक-एक कर सभी बसें कबाड़ हो गई।
बंद होती चली गई ऐसी बस की सेवा
एक समय ऐसा था कि लखनऊ, दिल्ली, वाराणसी और प्रयागराज रूट पर सबसे ज्यादा राप्तीनगर डिपो की जनरथ बसें चला करती थी। लेकिन मेंटेनेंस के अभाव में बसें इतनी जर्जर अवस्था में पहुंच गई, कि अब लखनऊ रुट पर 12 की जगह 5, प्रयागराज रुट पर 12 की जगह 3, वाराणसी रुट पर 14 की जगह 4 और दिल्ली रूट पर चल रही 4 की जगह शून्य बसों का संचालन हो रहा है।
पूर्व एसएम के समय हुई सबसे ज्यादा लापरवाही
रोडवेज डिपो के कुछ कर्मचारियों ने नाम न छपने की शर्त पर बताया कि गोरखपुर रीजन में तैनात पूर्व सर्विस मैनेजर के समय राप्तीनगर डिपो की बसों को मेंटेनेंस के लिए सामान नहीं दिया जाता था। टायर से लेकर नट-बोल्ट जैसे बेसिक पुर्जों के लिए महीनों बसें वर्कशॉप में खड़ी रहती थी। जिससे बसों की AC पर बुरा असर पड़ा। अब प्रशासन AC बनवाने की जगह बसों को काटकर साधारण बनाना ज्यादा आसान समझता है।
गोरखपुर डिपो में ट्रांसफर हुई बस, बंद हुई दिल्ली की सेवा
राप्तीनगर डिपो की दिल्ली रूट पर चलने वाली दोनों जनरथ बसों 0837 और 0839 को रोडवेज प्रशासन ने गोरखपुर डिपो में ट्रांसफर कर दिया। जिससे गोरखपुर से दिल्ली के बीच चलने वाली AC बस की सेवा बंद हो गई। डिपो के कर्मचारियों का आरोप है कि गोरखपुर डिपो के एआरएम ने साजिस के तहत दोनों बसों को अपने डिपो में ट्रांसफर करा लिया। जिससे राप्तीनगर डिपो का रूट पर दबाव कम हो जाए।
गोरखपुर के रीजनल मैनेजर पीके तिवारी ने बताया कि राप्तीनगर डिपो में AC बसों का रख-रखाव और संचालन ठीक से नहीं हो पा रहा था। इसलिए बसों को दूसरे डिपो में ट्रांसफर किया जा रहा है। जिन बसों के AC की मरम्मत नहीं हो पा रही है। उन्हें काटकर साधारण बनाया जा रहा है। अभी 10 और बसों को काटा जाएगा।