मुस्लिम लाइब्रेरी! नाम सुनते ही हो जाएंगे कंफ्यूज, क्या है इस लाइब्रेरी का सच

ऋतु राज/मुजफ्फरपुर:- मुस्लिम लाइब्रेरी! इस नाम से भले ही यह किसी एक खास धर्म का प्रतीत होता हो, लेकिन ऐसा है नहीं है. इस नाम से स्थित बिहार के इस पुस्तकालय में हर धर्म के पुस्तक प्रेमी ज्ञान बटोरने के लिए आ सकते हैं और आते भी हैं. मुजफ्फरपुर शहर के सदपुरा नीम चौक पर संचालित मुस्लिम लाइब्रेरी का इतिहास काफी पुराना रहा है. इसकी स्थापना सन् 1941 में हकीम अजहर हुसैन ने की थी. यहां शुरुआत से ही हर धर्म के बच्चे पढ़ने के लिए आते रहे हैं. अगर पुस्तकों के प्रति दीवानगी देखनी हो, तो आप इस मुस्लिम लाइब्रेरी में आ सकते हैं. यहां की चहल-पहल देखकर आप समझ जाएंगे कि आज भी लोगों में किताबों के प्रति दिलचस्पी बरकरार है.

लाइब्रेरी में हैं 35 हजार किताबें
यहां रोज प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं की भीड़ लगी रहती है. जब तक लाइब्रेरी बंद नहीं होता, किताबों की दुनिया में विद्यार्थी खोए रहते हैं. अखबारों व किताबों में आंख गड़ाए बड़े-बुजुर्ग भी उनका साथ देते हैं. बताया जा रहा है कि यहां अब भी लगभग 35 हजार पुस्तकें हैं. लाइब्रेरी में छात्रों के लिए विशेष सुविधा प्रदान की गई है. यहां आने वालों में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों की संख्या ज्यादा होती है. वे लगभग पांच से सात घंटे तक यहां स्टडी करते हैं. पढ़ने के लिए अगर आप भी बाहरी शोरगुल से महफूज जगह की तलाश कर रहे हैं, तो यह जगह बेस्ट है.

नोट:- निमिया के डाढ़ मइया….भोजपुरी सम्राट को मिलेगा ये पुरस्कार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी सम्मानित

लाइब्रेरी में फ्री एंट्री
मो. मुज्जमिल अजहर ने बताया कि साल 1941 में उनके दादाजी ने इस मुस्लिम लाइब्रेरी की बुनियाद रखी थी. वे बताते हैं कि तब इस शहर में लोगों को शांति से पढ़ने के लिए उचित जगह नहीं मिल रही थी. इसे देखते हुए इस लाइब्रेरी की स्थापना की गई. तब से अब तक यह लाइब्रेरी चल रहा है. वे बताते हैं कि आज भी बच्चे यहां पढ़ाई करने आते हैं. हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू सहित कई प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए यहां किताब उपलब्ध रहती है. साथ ही यहां कोई शुल्क भी नहीं लगता है. मो. मुज्जमिल बताते हैं कि यहां किसी को आने के लिए कोई रोक-टोक नहीं है. किसी भी समुदाय के बच्चे आकर यहां पढ़ाई कर सकते हैं. लाइब्रेरी में रहने वाले सीनियर, जूनियर को पढ़ाई में मदद भी करते हैं.

Tags: Bihar News, Library, Local18, Muzaffarpur news

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *