मुश्किल समय में कैसे रहें खुश, तन और मन के बीच ऐसे बनाएं संतुलन, साइंस और ब्रह्मकुमारी की सिस्टर शिवानी से सीखें गुर

हाइलाइट्स

दूसरों के गुस्सा दिलाने पर गुस्सा होने का मतलब है आप दूसरों के हाथों की कठपुतली हैं.
खुशी चाहिए नहीं खुशी क्रिएट करनी है

Tips to Be Happy Life: खुश रहना अच्छी सेहत की निशानी है. लेकिन हम हमेशा अपने बाहर देखते हैं कि ऐसा होना चाहिए ऐसा नहीं होना चाहिए और इसी में हम अपनी खुशी तलाशते हैं. अगर हम सोचें कि सब कुछ हमारे हिसाब से हो और सारी परिस्थितियां हमारे अनुकूल हो तो हमें खुशी नहीं मिलेगी. इससे बाहर की खुशी यानी क्षणिक खुशी मिलेगी. अंदर की खुशी नहीं मिलेगी. ये बातें राजयोग मेडिटेशन ब्रह्मकुमारी की प्रमुख सिस्टर बी के शिवानी कहती हैं. बी के शिवानी दुनिया भर में लोगों को खुश रहना सीखाती हैं. सिस्टर शिवानी बताती हैं कि खुश रहने का बहुत ही सिंपल फॉर्मूला है, जो बातें हमें दुखी करती हैं, हमें उन्हें पकड़ कर नहीं बैठ जाना चाहिए.

हमेशा सकारात्मक रहें और क्रोध को काबू में रखें. दूसरों के गुस्सा दिलाने पर गुस्सा होने का मतलब है आप दूसरों के हाथों की कठपुतली हैं. हम जितनी नकारात्मक बातों से दूर रहेंगे सुख हमारे उतने करीब रहेंगे. अक्सर हम सोचते हैं कि दूसरों ने यह कर लिया, वह कर लिया, इसलिए हमें भी यह करना है तो इसमें खुशी नहीं मिलेगी. हमें नकल नहीं अक्ल से काम लेना होगा. अगर आप खुद को मजबूत बनाएंगे तो खुशी आपके पास होगी.

खुश रहने के लिए वजह की तलाश न करें

वी के शिवानी कहती हैं कि खुश रहने के लिए कभी भी किसी वजह की तलाश न करें. अगर आप चाहते हैं कि ये काम हो जाएं, वो काम हो जाए तो इसमें खुशी मिलेगी, तो ऐसा बिल्कुल नहीं होगा. अगर आप किसी वजह से खुश हैं तो यह वजह कभी भी छिन सकती है. ऐसे में आपकी खुशी भी हमेशा खतरे में रहेगी. यदि आप किसी की मदद करने के बदले कुछ वापस चाह रहे हैं तो आप बिजनेस कर रहे हैं. इसलिए हमेशा अपनी आत्मा में खुशी तलाशिए. सिस्टर शिवानी कहती हैं कि खुशी चाहिए नहीं खुशी क्रिएट करनी है. अगर आज हम निर्णय लें पूरा दिन खुश रहेंगे तो हमें यह मन में ठानना है. अगर हम सोचें कि कोई मुझसे प्यार से बात करे तब मुझे अच्छा लगेगा. ऐसा नहीं हो सकता है. दरअसल, हम अच्छे होंगे तो अच्छा लगेगा. हम प्यार से बात करेंगे तो हमें अच्छा लगेगा. खुशी का कोई इंचार्ज नहीं है. किसी दूसरे की परेशानी का आनंद ना लें. जीवन और मृत्यु के बीच का छोटा सा अंतराल है, इसलिए इस अंतराल में खुश रहिए और दूसरों को खुश करिए. जीवन के हर एक क्षण का आनंद लीजिए.

विज्ञान की दृष्टि से खुश रहने का तरीका

1. तनाव के मैनेज करें-तनाव खुश रहने में सबसे बड़ा बाधक है. इसलिए खुश रहने का सबसे बेहतर तरीका है तनाव को मैनेज करें. मायो क्लिनिक के मुताबिक तनाव को दूर करने के लिए योगा, मेडिटेशन और नियमित एक्सरसाइज सबसे बेहतर तरीका है.

2. आत्मसम्मान-आत्मसम्मान जीवन में खुश रहने का सबसे बड़ा फ्यूल है. आत्मसम्मान को बझडाने के लिए हमेशा सकारात्मक रहें और सकारात्मक दोस्तों के साथ समय बिताएं. ज्यादा सोचें नहीं, जो चीजें अपने पास हैं, उन्हीं में खुश रहें. अपने आप से हमेशा सकरात्मक चीजें कहें. अगर नौकरी भी चली जाती तो ये सोचें कि फिर लग जाएगी.

3. बुरी आदतों को छोड़ें-सिगरेट, शराब जैसी गंदी आदतों को छोड़ दें. इससे हमेशा डिप्रेशन में रहेंगे और खुशी नहीं मिलेगी.

4. पर्याप्त नींद लें-खुश रहने के लिए रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद जरूरी है. खुश रहने के लिए दिमाग को आराम मिलना जरूरी है और दिमाग को आराम सुकून भरी नींद में ही मिलता है.

5. पौष्टिक भोजन-खुश रहने के लिए हेल्दी और पौष्टिक तत्वों से भरपूर भोजन की जरूरत होती है. सीजनल हरी सब्जी, बादाम, ताजे फल, साबुत अनाज, फलीदार चीजें अच्छी सेहत के लिए जरूरी है. इसके साथ ही जंक फूड, फास्ट फूड, पैकेटबंद चीजें, प्रोसेस्ड फूड, अल्ट्राप्रोसेस्ड फूड से दूरी भी बहुत जरूरी है.

6. एक्सरसाइज-खुश रहने के लिए एक्सरसाइज भी बहुत जरूरी है लेकिन एक्सरसाइज के लिए जिम जाने की भी जरूरी नहीं है. इसके लिए पैदल चलना, रनिंग करना, साइक्लिंग, स्विमिंग आदि ही काफी है.

7. लचीलापन रुख-हमेशा अपने जीवन में लचीला रुख अपनाएं. किसी चीज में ज्यादा कठोर या जिद्दी होना ठीक नहीं, वहीं हर चीज में समझौता भी ठीक नहीं. ये दोनों चीजें खुशी रहने में बाधक है, इसलिए हमेशा जीवन में लचीलापन अपनाएं. हर तरह की परिस्थितियों के लिए तैयार रहें.

Tags: Health, Health tips, Lifestyle

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