नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग अमेरिका-चीन संबंधों को स्थिर करने की उम्मीद के साथ बुधवार को एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय नेताओं के सम्मेलन से इतर कैलिफोर्निया में मुलाकात की. अमेरिका-चीन समिट बैठक के दौरान राष्ट्रपति जो बाइडन और शी जिनपिंग यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने पर सहमत हुए कि दोनों देशों के बीच मतभेद मैनेजेबल बने रहें और रिश्ते पटरी से न उतरें. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच में युद्ध से लेकर यूक्रेन, ताइवान समेत इंडो-पैसिफिक मुद्दों पर बातचीत हुई. इतना ही नहीं, चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद भी जो बाइडन का विचार नहीं बदला और उन्होंने कहा कि उन्हें अब भी लगता है कि शी जिनपिंग एक ‘तानाशाह’ हैं. बता दें कि इससे पहले पिछली बार एक साल पहले जो बाइडन और चीनी राष्ट्रपति के बीच बातचीत हुई थी. दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंध तब और बिगड़ गए जब अमेरिका ने चीन के एक जासूसी गुब्बारे को मार गिराया था.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अमेरिका और चीन के राष्ट्रपति दोनों एक साल बाद पहली बार व्यक्तिगत रूप से मिले हैं. जो बाइडन और शी जिनपिंग ने सैन फ्रांसिस्को से करीब 40 किलोमीटर दक्षिण में फिलोली इस्टेट में में चार घंटे से अधिक समय तक एक साथ समय बिताया. इन दोनों की मुलाकात के दौरान द्विपक्षीय बातचीत हुई और दोपहर का भोजन भी किया. इतना ही नहीं, इसी चार घंटे के दौरान ये दोनों इस्टेट के बाग में एक साथ टहले भी.
सैन फ्रांसिस्को में अपने-अपने प्रतिनिधिमंडलों के साथ एक लंबी मेज पर बैठे दोनों नेताओं ने एक-दूसरे का सामना करते हुए इस बात पर जोर दिया कि टकराव से बचना और इसके बजाय सहयोग पर ध्यान केंद्रित करना दोनों देशों के हित में है. एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक यह चर्चा पूरी तरह से खुली, निष्कपट और स्पष्ट थी. जो बाइडन अपने विचारों और चिंताओं को सीधे शी जिनपिंग तक पहुंचाने पहुंचाया, जिनके बारे में कहा गया कि उन्होंने अपने तर्कों के साथ जवाब दिया था. बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों, ईरान, मध्य पूर्व, यूक्रेन, ताइवान, इंडो-पैसिफिक, आर्थिक मुद्दों, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ड्रग्स और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रीय और प्रमुख वैश्विक मुद्दों सहित कई मुद्दों पर चर्चा की.
एक सीनियर प्रशासनिक अधिकारी के मुताबिक, बैठक के बाद चीन अमेरिका में अवैध दवा व्यापार में शामिल कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने पर सहमत हुआ. उन्होंने कहा कि दोनों नेता रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन और उनके चीनी समकक्ष के नेतृत्व में सैन्य-से-सैन्य स्तर यानी मिलिट्री लेवल की वार्ता फिर से शुरू करने पर भी सहमत हुए. बातचीत समाप्त होने के तुरंत बाद नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा कि बैठक के आखिर में दोनों देश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के मुद्दे पर बातचीत करने पर भी सहमत हुए. अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने स्पष्ट किया कि वह संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ संबंध स्थिर करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि जो बाइडन ने शी से साफ शब्दों में कहा कि चीन ने अमेरिकी कंपनियों को समान अवसर प्रदान नहीं किया है.
इसके बाद चीनी राष्ट्रपति शी ने भी अपनी चिंताएं भी व्यक्त कीं और कहा कि अमेरिका में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी पर रिपोर्टिंग उचित नहीं थी. इतना ही नहीं, उन्होंने उन रिपोर्टों का भी दृढ़ता से खंडन किया कि चीन ताइवान पर आक्रमण करने की ओर बढ़ रहा था. दोनों नेताओं के बीच ताइवान पर काफी चर्चा हुई और शी ने इसे अमेरिका-चीन संबंधों का सबसे खतरनाक पहलू बताया. जबकि जो बाइडन ने कहा कि अमेरिका यथास्थिति में विश्वास करता है. वहीं, शी ने कहा कि शांति अच्छी है, मगर कुछ बिंदु पर उन्हें मुद्दे के समाधान की ओर बढ़ने की जरूरत है. बाइडन और शी ने मध्य पूर्व और यूक्रेन की स्थिति पर भी बात की.
.
Tags: Joe Biden, Xi jinping
FIRST PUBLISHED : November 16, 2023, 08:44 IST