मुर्गियों ने बदल दी इस नौजवान की किस्मत, 5000 चूजे एक साथ करता है तैयार

रूपांशु चौधरी/हजारीबाग.भारत कृषि प्रधान देश है. कृषि में बढ़ते हुए मुनाफे को देखते हुए आज के युवा भी कृषि की ओर आकर्षित हो रहे हैं. मुर्गी पालन कृषि का ही एक हिस्सा है. हजारीबाग जिले के कई युवा किसान मुर्गी पालन कर अच्छी कमाई कर रहे हैं. ऐसे ही जिले के बरकट्ठा प्रखंड के चुगलामों गांव के रहने वाले दीपक कुमार मुर्गीयों का पालन कर अच्छी आय का जरिया बना रहे है.

दीपक कुमार ने कहा कि वह पिछले 5 सालों से मुर्गी पालन के व्यवसाय से जुड़े हुए है. इसके लिए उन्होंने साल 2019 में खाली पड़ी खेत में मुर्गा फार्म जा सेटअप लगाया था. उस फार्म में एक साथ 2500 चूजा का पालन कर सकते है. अभी दो फार्म के लगभग 4800 चूजा हैं. मुर्गी पालन में मौसम का बहुत अहम रोल होता है. मौसम में हुए छोटे से बदलाव के कारण फॉर्म में मुर्गियों के मरनेका खतरा लगा रहता है. ठंड के दिनों में मुर्गियों के मरने की संख्या में इजाफा होता है.

दीपक के पास अभी है 4800 चूजा
वहीं, तेज हवाओं वाली गर्मी में भी मुर्गियां मरती है. इसलिए फॉर्म का टेंप्रेचर हमेशा मेंटेन किया जाता है. कुशल जानकारी नहीं होने के कारण शुरुआती समय में मुर्गा पालन में समस्याएं आई थी. लेकिन, धीरे-धीरे समस्या कम हो गया है. मुर्गा पालन करना बेहद आसान काम है दिन भर में एक बार चारा देना होता है. घर की महिलाएं घरेलू काम के साथ आसानी से मुर्गा पालन कर सकती है.

इतनी होती है कमाई
उन्होंने आगे बताया कि 22 दिनों के अंदर चूज़ा लगभग 1 किलो वजन का हो जाता है. वहीं, 40 दिनों में चूजा 2 किलो 400 ग्राम तक वजन का हो जाता है. 1 किलो वजन तक मुर्गा को तैयार करने में लगभग 90 से 95 रुपया का खर्च आता है. वहीं अभी बाजार में मुर्गा 110 से 115 प्रति किलो तक बिक रहा है. 1000 चूज़ो का 30 से 40 दिन तक पालन करने पर लगभग 30 से 40 हजारका मुनाफा होता है.

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