आशीष कुमार/पश्चिम चम्पारण. पीतल के लिए यूपी का मुरादाबाद फेमस है, यह तो सभी जानते हैं. लेकिन अगर आप बाजार से 40 फीसदी कम रेट पर हाथों से तराशा हुआ पीतल, तांबा, एल्यूमीनियम या कांसा का बर्तन खरीदना चाहते हैं तो जिले के मझौलिया प्रखंड स्थित कसेरा टोला पहुंच जाएं. यह गांव हाथ से धातु के बर्तन तैयार करने के लिए जाना जाता है. इस गांव की आबादी 1500 के आसपास है, जहां तकरीबन 150 घरों में पुराने पीतल को पिघलाकर आकर्षक तरीके से नक्काशी कर बर्तन बनाए जाते हैं. खास बात यह है कि यहां के कारीगर बहुत सीमित औजार की मदद से बर्तन तैयार कर देते हैं. बर्तन की सप्लाई बिहार सहित दिल्ली, यूपी, बंगाल और झारखंड तक की जाती है.
गांव के उपमुखिया राजन ने बताया कि यहां रोजाना तकरीबन एक हजार किलो पीतल के बर्तन तैयार किए जाते हैं. एक थाली का वजन लगभग 1 किलोग्राम तक होता है. ऐसी 150 से 200 थालियां एक दिन में तैयार की जाती है. ठीक उसी प्रकार लगभग 3 से 4 किलो वजनी 100 से 120 घंटियां और 500 ग्राम वजनी लगभग 150 से 200 कलछूल को कुशल कारीगर हाथों से तैयार करते हैं. इसकी बिहार समेत दिल्ली, बंगाल, झारखंड और यूपी तक सप्लाई की जाती है.
गांव से खरीदारी पर 40 प्रतिशत तक की बचत
कारीगर संदीप बताते हैं कि गांव के लोग शहर के दुकानदारों से पीतल के पुराने बर्तन लाते हैं. जिसके एवज में उन्हें दुकानदार को उतने ही वजन का बनाया हुआ नया बर्तन देना होता है. इसके बदले में दुकानदार उन्हें 80 रुपए प्रति किलो के हिसाब से वजन के बराबर मजदूरी देते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि पीतल की कीमत के हिसाब से मजदूरी में उतार-चढ़ाव होता रहता है. उपमुखिया राजन ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को पीतल के बर्तन चाहिए, तो फिर वह सीधे कसेरा टोला पहुंच जाएं. यहां पर उन्हें बाजार की तुलना में कम से कम 40 प्रतिशत की छूट मिलेगी.
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FIRST PUBLISHED : November 7, 2023, 19:26 IST