दुर्गेश सिंह राजपूत / नर्मदापुरम. सूर्य ऊर्जा के साथ अन्य नवीनीकरणीय ऊर्जा के उपयोग की शहरी क्षेत्र की अपेक्षा ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्र मे सफल प्रयोग की अधिक संभावनाएं हैं. इसमें इस क्षेत्र की महिलाएं परिवर्तन एजेंट के रूप मे भागीदार निभा सकती हैं. यह बात एनसीएसटीसी नेशनल अवार्ड प्राप्त सारिका घारू ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला चौपाल कार्यक्रम में का आयोजन हुआ.
डॉ. श्रीमती रश्मि शर्मा एवं सीनियर साइंटिस्टराजेन्दर सिंह के निर्देश पर आयोजित इस कार्यक्रम में, सारिका घारू ने अक्षय ऊर्जा के महत्व को बताते हुए इसको अपनाने की बात काही है. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की जानकारी देते हुए बताया कि इसमें लगभग 1 करोड़ लोगों के घरों में रूफटॉप सोलर पैनल लगाने का लक्ष्य है. इससे उनके बिजली के बिलों में कमी या बिल्कुल जीरो खर्चा होगा. यह योजना विशेष रूप से गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को लाभ पहुंचाने के लिए है.
अक्षय ऊर्जा के महत्व को बताया
सारिका ने कहा कि अक्षय ऊर्जा स्रोत ही भविष्य के ऊर्जा संसाधन हैं. नवीकरणीय ऊर्जा पर्यावरण के अनुकूल होती है, तथा इसमें प्रदूषण भी नही होता है. महिलाओं की भागीदारी से इसे सफल बनाया जा सकता है, तो अब सौर पैनल से जोड़ें नाता, बिजली के बिल को कहें बाय और टाटा.
.
Tags: Hoshangabad News, Latest hindi news, Local18, Madhya pradesh news
FIRST PUBLISHED : March 8, 2024, 14:04 IST