मुनाफा ही मुनाफा…एक बार लगाएं इस फल की खेती, 25 साल तक जेब में आते रहेंगे पैसे

कुंदन कुमार/गया: बिहार के किसान अब परंपरागत खेती को छोड़ कैश क्रॉप्स की खेती की ओर रुख कर रहे हैं. ऐसे में ड्रैगन फ्रूट की खेती किसानों को मालामाल कर सकती है. पिछले कुछ वर्षों में बिहार के कई जिलों में ड्रैगन फ्रूट की खेती बड़े स्तर पर की जा रही है. किसानों को इससे अच्छी आमदनी हो रही है. गया जिले में भी ड्रैगन फ्रूट की खेती का रकवा धीरे-धीरे बढ़ने लगा है. गया में पिछले साल तक जहां दो किसानों के द्वारा एक एकड़ में इसकी खेती की जाती थी. इस बार बिथो शरीफ गांव के रहने वाले किसान धर्मेंद्र ने लगभग 150 पौधे अपने खेतों में लगाए हैं. ड्रैगन फ्रूट की खेती में एक बार लागत आती है और सालों तक मुनाफा होता है.

गया जिले के मोहडा प्रखंड क्षेत्र के नया नगर गांव में किसान गोपाल शरण सिंह और कोंच प्रखंड क्षेत्र के बड़गांव में युवा किसान प्रभात कुमार के द्वारा ड्रैगन फ्रूट की खेती की जा रही है. इसके अलावा इस वर्ष से बीथो गांव के रहने वाले किसान धर्मेंद्र ने इसकी खेती की शुरुआत की है. बता दें कि ड्रैगन फ्रूट की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा है. इसकी मार्केट में कीमत 100 रुपये प्रति पीस है. यह फल स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभदायक माना जाता है. कहा जाता है कि ड्रैगन फ्रूट में प्रोटीन, फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम और विटामिन्स की मात्रा भरपूर होती है, जोकि सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हैं.

ऐसे होती है ड्रैगन फ्रूट की खेती
इसकी खेती के लिए गड्ढे खोदकर कंक्रीट के बने खंभे गाड़े जाते हैं. दो खंभों के बीच की दूरी लगभग 5 हाथ होनी चाहिए. इसके बाद खंभे से सटाकर चार पौधे रोप दिए जाते हैं. रोपाई के समय ही पौधे में हल्का पानी दे दिया जाता है. फिर ड्रिप सिंचाई पद्धति से समय-समय पर पौधों को पानी दिया जाता है. पौधों में हर महीने गोबर की खाद डालना अच्छा रहता है. किसान चाहें तो रासायनिक खाद भी इस्तेमाल कर सकते हैं. अच्छी पैदावार चाहिए तो पौधे के आसपास उगे खरपतवार को हटाते रहना चाहिए. लगभग 8 महीने बाद पौधे खंभे के बराबर हो जाते हैं, तो 16 महीने बाद पौधों पर छोटे फल आने शुरू हो जाते हैं.

एक बार पूंजी लगाने के बाद कई साल तक मुनाफा
किसान धर्मेंद्र ने बताया कि यूट्यूब पर उन्होंने ड्रैगन फ्रूट की खेती के बारे में जाना था. इसके बाद गया के जेठियन नया नगर गांव के किसान गोपाल शरण सिंह की नर्सरी से लगभग 150 पौधे लाकर अपने खेतों में लगाए हैं. इसकी खेती में अधिक लागत आती है, लेकिन कोई किसान इसकी खेती करना चाहता है तो उसे धैर्य रखना होगा. एक बार पूंजी लगने के बाद सालों तक इसमें मुनाफा ही मुनाफा है.

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