नयी दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराना उनकी सरकार का लक्ष्य है और जांच एजेंसियां जितनी संख्या में उन्हें समन भेजेंगी, वह उतनी ही संख्या में राष्ट्रीय राजधानी में स्कूल खोलेंगे। मयूर विहार फेज-3 में एक सरकारी स्कूल भवन की आधारशिला रखने के बाद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार ने उनके खिलाफ अपनी सारी जांच एजेंसियों को ऐसे लगा रखा है, जैसे कि वह देश के ‘सबसे बड़े आतंकवादी’ हों। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता को उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर एक मामले के सिलसिले में 17 फरवरी को दिल्ली की एक अदालत में पेश होने को कहा गया है।
केजरीवाल, कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए संघीय एजेंसी द्वारा उन्हें जारी पांच समन को टाल चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने से एक पीढ़ी में गरीबी का उन्मूलन हो जाएगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए लगातार स्कूल खोल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में आप सरकार बनने के बाद से हमने कई शानदार स्कूल खोले हैं। हाल में बुराड़ी, रोहिणी और पालम समेत कई नये स्कूलों का उद्घाटन किया गया है, जिनमें 1.5 लाख बच्चों को शिक्षा मिलेगी।’’ केजरीवाल ने कहा कि नये स्कूलों में प्रयोगशाला, पुस्तकालय और गतिविधि कक्ष सहित सर्वोत्तम बुनियादी ढांचा होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के डॉ. (भीम राव) आंबेडकर के सपने को पूरा कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि दो साल पहले उनकी सरकार ने घर-घर राशन पहुंचाने की योजना का प्रस्ताव किया था लेकिन केंद्र ने इसकी अनुमति नहीं दी। आप नेता ने कहा, ‘‘उन्होंने उपराज्यपाल के माध्यम से इसमें बाधा डाली। लेकिन हम शनिवार से पंजाब में घर-घर राशन पहुंचाने जा रहे हैं।’’ केजरीवाल ने कहा कि पंजाब में इस योजना के शुरू होने के बाद इसे दिल्ली में भी लागू किया जा सकता है और केंद्र इसे रोक नहीं सकेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र ने दिल्ली को आधा राज्य बताकर आप सरकार के कामकाज में कई बाधाएं डाली हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा कहना है कि इसे पूर्ण राज्य बनने दीजिए। लेकिन वे कुछ नहीं करते और न ही मुझे करने देते हैं।’’ केजरीवाल ने इस बात पर अफसोस जताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उन्हें ‘चोर’ करार दिया है जबकि उन्होंने दिल्ली में लोगों को मुफ्त बिजली, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा मुहैया कराई है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में ये सुविधाएं महंगी और खराब गुणवत्ता की हैं।
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