मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव से बमुश्किल एक सप्ताह पहले बुधनी निर्वाचन क्षेत्र चुनावी जंग के प्रति उदासीन दिख रहा है जहां भाजपा के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान का मुकाबला छोटे पर्दे पर ‘हनुमान’ की भूमिका निभा चुके कांग्रेस के उम्मीदवार विक्रम मस्तल से है।
समाजवादी पार्टी के भगवाधारी और लंबी दाढ़ी वाले वैराग्यानंद गिरी उर्फ ‘मिर्ची बाबा’ भी यहां से मैदान में हैं, लेकिन मुकाबले को लेकर कोई खास हलचल नहीं दिख रही है।
चौहान के गांव जैत के सरपंच राजेश कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि आत्मविश्वास से भरे चौहान ने 30 अक्टूबर को नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद अपने विधानसभा क्षेत्र का दौरा नहीं किया है।
चौहान वर्ष 2006 के (उपचुनाव) के बाद से बुधनी से लगातार चार बार जीत चुके हैं। इससे पहले वह बुधनी से 1990 में जीते थे।
उनकेनिर्वाचन क्षेत्र के हर कोने में भाजपा के झंडे लहरा रहे हैं जबकि मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में कांग्रेस के झंडों का दिखना दुर्लभ है।
‘हम हैं, शिवराज भैया का परिवार, हार्दिक स्वागत, अभिनंदन’ लिखे होर्डिंग और पोस्टर उनके क्षेत्र की सड़कों और चौराहों पर लगे हुए हैं।
भाजपा कार्यकर्ता ‘एमपी के मन में मोदी’ नारा लिखे शर्ट पहनकर लोगों के बीच पहुंच रहे हैं। कई लोगों को उम्मीद है कि अगर वे चौहान को लगातार पांचवीं बार चुनते हैं तो वह फिर से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनेंगे।
उन्होंने इस तथ्य को नजरअंदाज कर दिया कि 20 साल में पहली बार भाजपा ने मप्र में मुख्यमंत्री का चेहरा पेश नहीं किया है। इस बार भाजपा सत्ता की थकान के कारण चौहान को अपने ‘शुभंकर’ के रूप में पेश करने से कतरा रही है।
इसके बजाय वह 17 नवंबर के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भारी भरोसा कर रही है और ‘‘एमपी के मन में मोदी, मोदी के मन में एमपी’’ नारे को लोकप्रिय बना रही है।
टीवी धारावाहिक में भगवान हनुमान की भूमिका निभाकर नाम कमाने वाले राजनीति के नौसिखिया मस्तल ने भाजपा की सुव्यवस्थित संगठन प्रणाली और इसके अभियान के बीच बहादुरी से मोर्चा संभाला है।
मस्तल ने चुनाव प्रचार से कुछ समय की छुट्टी लेते हुए ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जनता हनुमान जी के साथ है। मैं निश्चित रूप से चुनाव जीतने जा रहा हूं। लोग चौहान जी से बहुत नाराज हैं क्योंकि उन्होंने बुधनी के लिए कुछ भी अच्छा नहीं किया है।’’
वर्ष 2008 के लोकप्रिय टेलीविजन धारावाहिक रामायण 2 में भगवान हनुमान के किरदार से प्रसिद्धि हासिल करने वाले मस्तल (41) ने कहा, ‘‘मुझे जो जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है, उसे देखिए।’’
जैसे ही वह निर्वाचन क्षेत्र के शाहगंज की गलियों में हाथ जोड़कर चलते हैं, उनके समर्थक पार्टी के झंडे लेकर ढोल की गगनभेदी धुनों के बीच ‘कांग्रेस पार्टी जिंदाबाद’ के नारे लगाते हैं, जिससे लोग उत्साहित होकर पर्दे के ‘हनुमान’ की एक झलक पाने के लिए इमारतों की खिड़कियों से झांकने लगते हैं या फिर बॉलकनी में एकत्र हो जाते हैं।
प्रचार चल गदाओं के मॉडल, हनुमान की तस्वीरों और लाउडस्कीपर पर हनुमान को समर्पित गाने बजाते हुए एक वाहन के पीछे चल रहा है। वक्ताओं ने संकट मोचक,अपराजेय, चमत्कार करने वाले भगवान के रूप में उनकी प्रशंसा करते हुए गीत गाए।
चौहान की अनुपस्थिति में उनकी पत्नी साधना सिंह, बेटे कार्तिकेय और मुख्यमंत्री के छोटे भाई नरेंद्र सिंह और रोहित सिंह उनका प्रचार कर रह हैं।
मुख्यमंत्री के गांव जैत के सरपंच राजेश कुमार बालावी ने कहा कि चौहान साहब रिकॉर्ड अंतर से चुनाव जीतेंगे और निश्चित रूप से फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा कि जैत में लोगों को भरोसा है कि वह भारी जीत हासिल करेंगे।
जैत में चौहान के घर के करीब सड़क किनारे नाश्ता बेचने वाली कमला बाई केवट (90) ने कहा, ‘‘शिवराज चुनाव जीतने जा रहे हैं क्योंकि हम सभी उनका समर्थन करते हैं क्योंकि वह हमारे गांव के हैं।
मैं शिवराज सिंह को उनके जन्म से जानती हूं। उनकी सरकार मुझे मुफ्त बिजली, पानी और राशन दे रही है।’’ उन्होंने कहा कि जब भी मुख्यमंत्री अपने दौरे के दौरान उन्हें गांव में देखते हैं तो उनके पैर छूते हैं।
शाहगंज के अविनाश भार्गव ने कहा कि चौहान की तस्वीर ही उन्हें बुधनी में भारी जीत दिलाने के लिए काफी है। उन्होंने कहा, वह उद्योग लाए हैं और रोजगार पैदा किया है, क्षेत्र में स्कूल खोले हैं। अब इस क्षेत्र में एक सरकारी मेडिकल कॉलेज भी बन रहा है।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस बुधनी में ऐसे उम्मीदवारों को पैराशूट से उतारती है जो चुनाव के बाद निर्वाचन क्षेत्र को भूल जाते हैं।
इसके विपरीत, बुधनी में एक व्यस्त सड़क पर एक होटल के मालिक ने पहचान न बताने की शर्त पर कहा कि अगर कांग्रेस ने बुधनी से कांग्रेस विधायक और पूर्व राज्य मंत्री राजकुमार पटेल जैसे सख्त राजनेता को मैदान में उतारा होता तो वह चौहान को कड़ी टक्कर दे सकते थे।
उन्होंने कहा कि चौहान सज्जन व्यक्ति हैं, लेकिन बुधनी के कुछ लोग जो उनके करीब आ गए हैं, वे गरीबों तक पैसा नहीं पहुंचने दे रहे हैं।
बुधनी में, चौहान के बेटे कार्तिकेय घर-घर जाकर प्रचार कर अपने पिता के लिए समर्थन मांग रहे हैं। बृहस्पतिवार को बायन इलाके में एक घर में पार्टी के स्थानीय नेताओं की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने उनसे यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करने का आह्वान किया कि उनके पिता रिकॉर्ड अंतर से चुनाव जीतें।
उन्होंने लोगों से कहा कि सुनिश्चित करें कि वह उस स्थान से एक रिकॉर्ड बनायें जिसके लिए उन्होंने चार दशकों तक धार्मिक रूप से काम किया है और इतना कुछ दिया है। पिछली बार, उनकी जीत का अंतर शीर्ष से चौथे या पांचवें स्थान पर था।
कार्तिकेय ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि बुधनी में करीब 2.72 लाख मतदाता हैं और यहां विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों की संख्या लगभग आठ लाख है, जिसका मतलब है कि एक व्यक्ति दो से तीन योजनाओं का लाभ उठा रहा है।
उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य चौहान के लिए रिकॉर्ड मतों के अंतर से जीत सुनिश्चित करना है।
इस बार उनके पिता को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश नहीं किया गया है और ऐसे में क्या रिकॉर्ड मतों के अंतर से जीत करना इतना आसान होगा? इस सवाल के जवाब में कार्तिकेय ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता और यह मुद्दा (मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का) पार्टी का विशेषाधिकार है।
उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे पिता ने बुधनी के लोगों के लिए 40 वर्षों तक काम किया है और उनका उनसे एक-एक संपर्क रहा है। उन्होंने बुधनी के लिए बहुत कुछ किया है।’’
उन्होंने कहा कि चौहान विदिशा लोकसभा सीट से चार बार सांसद रहे हैं जिसमें बुधनी भी शामिल है और वह पांच बार विधायक रहे हैं।
पिछले साल 17 मार्च को, चौहान ने देश में सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले भाजपा के मुख्यमंत्री के रूप में गौरव हासिल किया था।
उन्होंने उस रिकॉर्ड को तोड़ दिया जो छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के नाम था।
हालांकि, मुख्यमंत्री के रूप में चौहान के कार्यकाल पर तब विराम लगा जब वह 15 महीने के लिए सत्ता से बाहर हो गए क्योंकि 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने कमल नाथ के नेतृत्व में सरकार बनाई।
इस बीच, मिर्ची बाबा, जिन्हें हाल ही में एक अदालत ने बलात्कार के आरोप से बरी कर दिया है, का मानना है कि उन्हें चौहान सरकार ने फंसाया था और उन्हें सबक सिखाना चाहिए। वह कभी-कभी लोगों से यह कहते हुए वोट मांगते नजर आते हैं कि वह नर्मदा नदी पर घाट बनवाएंगे।
मिर्ची बाबा तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के अभियान का समर्थन करने के लिए तांत्रिक अनुष्ठान किया था।
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