संत मीराबाई कृष्ण की अनन्य भक्तों में से एक थी. जिन्होंने कृष्ण भक्ति के लिए अपने राजकीय सुख को छोड़ कर वैरागन का जीवन अपना लिया और वृंदावन आ गई. मीराबाई ने अपने जीवन के 15 वर्ष वृंदावन में बिताये और नित्य कई मंदिरों के दर्शन भी किये. (रिपोर्ट- सौरव पाल)
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