मीन संक्रांति पर बन रहा अद्भुत संयोग, सूर्यदेव दूर करेंगे संकट; ऐसे करें पूजा

शुभम मरमट/उज्जैन. सनातन धर्म में संक्रांति का विशेष महत्व है. सूर्य का किसी दूसरी राशि में प्रवेश संक्रांति कहलाता है और जिस राशि में सू्र्य प्रवेश करता है उसे उसी नाम से जाना जाता है. 14 मार्च को सूर्य मीन राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं. मीन संक्रांति का खास महत्व है. ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य 12 राशियों में प्रवेश करते हैं और ये क्रम मेष राशि से शुरू होकर मीन राशि पर समाप्त होता है.

मीन संक्रांति बन रहा है खास योग
मीन संक्रांति सूर्य देव को समर्पित है. हिन्दू शास्त्र में सूर्य देव की कृपा पाने के लिए कई उपाय बताए गए हैं. जिसमें मीन संक्रांति का विशेष महत्व है. 14 मार्च को मीन संक्रांति है. इस दिन फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है और इस दिन वैधृति योग का निर्माण हो रहा है. साथ ही भरणी नक्षत्र में सूर्य देव राशि परिवर्तन करेंगे. इस दिन गुरुवार का दिन रहेगा. इस योग में पूजा करने से लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं और सूर्य देव का आशीर्वाद मिलता है.

मीन संक्रांति की तिथि
14 मार्च को सूर्य ग्रह 12 बजकर 46 मिनट पर मीन राशि में प्रवेश करेंगे. मीन राशि का पुण्य काल दोपहर 12 बजकर 46 मिनट से शाम 06 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. मीन संक्रांति का महा पुण्य काल 12 बजकर 46 मिनट से 02 बजकर 46 मिनट तक रहेगा.

इस दिन जरूर करें सूर्य देव की उपासना

– मीन संक्रांति के दिन भगवान सूर्य की पूजा की जाती है. इस दिन उगते सूर्य को तांबे के लोटे में जल भरकर अर्घ्य दें. इससे स्वास्थ्य लाभ तो होता ही है इससे नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है.

– मीन संक्रांति के दिन भगवान सूर्य के मंत्रों का जाप करें. साथ ही आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें.

– इस दिन गाय को चारा खिलाना भी शुभ माना जाता है.

– संक्रांति के दौरान दान का भी विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन सामर्थ्य अनुसार वस्त्र, तिल और अनाज का दान करें.

मीन संक्रांति का महत्व
मान्यता है कि संक्रांति पर्व के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से रोग, दोष और सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं. साथ ही इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य प्रदान करने से जीवन में अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. मीन संक्रांति के दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है. इस दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन, वस्त्र या धन का दान करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है और इससे पितर भी प्रसन्न होते हैं और कई प्रकार के ग्रह दोष से मुक्ति मिलती है.

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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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