मिश्रित खेती से बदली रिटायर्ड शिक्षक की किस्मत, लाखों में पहुंची कमाई, जानिए तरीका

दीपक कुमार/बांका: खेती-किसानी की कोई उम्र नहीं है, इसी को चरितार्थ कर दिखाया है बांका के रिटायर्ड शिक्षक विरेन्द्र कुमार मंडल ने. रिटायर्ड शिक्षक वीरेंद्र कुमार मंडल बताते हैं कि झारखंड में शिक्षक के रूप में कार्यरत थे, लेकिन नौकरी के दौरान खेती करने का समय नहीं मिल पाता था. हालांकि खेती करने का शौक शुरू से रहा था. जब रिटायर्ड होकर गांव लौटे तो अपने दो एकड़ जमीन में खेती करने का प्लान बनाया. सबसे पहले नेट से जमीन को घेर दिया और उसके बाद चार तालाब खुदवाया. साथ हीं बकरी और मुर्गी पालन के लिए शेड बनवाया. इसके अलावा जमीन के कुछ टुकड़े में बागवानी लगाकर सब्जी की भी खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं.

बांका जिला के फुल्लीडुमर प्रखंड अंतर्गत खेसर पंचायत के बनवर्षा गांव निवासी 60 वर्षीय रिटायर्ड शिक्षक विरेन्द्र कुमार मंडल ने बताया कि चार तालाब में अलग-अलग तरह की मछलियों को पाल रहे हैं. जिसमें रेहू, कातल, रूपचंद, सीलन सहित अन्य मछलियां है. मछली पालन को लेकर उन्होंने बताया कि तालाब में ऑक्सीजन बरकार रखने के लिए सभी तालाब को एक-दूसरे से जोड़ दिया है. जिससे ऑक्सीजन की कमी नहीं होती है और ग्रोथ रेट भी बेहतर है. उन्होंने बताया कि साल में दो बार मछलियों को क्रॉप करते हैं. इससे तीन लाख तक की कमाई हो जाती है. उन्होंने बताया कि अधिक मेहनत ना लगे इसके लिए एक दर्जन देसी नस्ल की हीं बकरियों को पाल रहे हैं. इससे भी सालाना 50 हजार से अधिक की कमाई हो जाती है.

सालाना पांच लाख की कर लेते हैं कमाई
रिटायर्ड शिक्षक विरेन्द्र कुमार मंडल ने बताया कि मुर्गियों में भी देसी नस्ल हीं रखें हें. जिसमें सोनाली और कड़कनाथ मुर्गियां है. इससे अंडा उत्पादन करने के साथ मीट की भी बिक्री करते हैं. 500 से अधिक देसी मुर्गियों को पाल रहे है. इससे भी 50 हजार की आमदनी हो जाती है.उन्होंने बताया कि बागवानी में 50 केला लगाए है. इसके अलावा 60 आम, अमरूद पपीता सहित अन्य फल है. साथ हीं महोगिनी और सागवान भी लगाए हुए हैं. सब्जी में टमाटर, मिर्च, गोभी, आलू सहित अन्य का उत्पादन करते हैं.

उन्होंने बताया कि समेकित कृषि प्रणाली अपनाकर सालाना पांच लाख तक की कमाई आराम से कर लेते हैं. उन्होंने बताया कि बोकारो में हीं समेकित कृषि प्रणाली का तरीका बोकारो में सीखा में था. इसी के तहत दो एकड़ में मिश्रित खेती कर बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं.

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