मथुरा: वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज को आज देश-दुनिया में हर कोई जनता है. आपको हर जगह उनके भक्त देखने को मिल जाएंगे. महाराज जी मथुरा के वृंदावन में एक छोटे से फ्लैट में रहते हैं. लेकिन आज हम आपको बाबा प्रेमानंद का बचपन के घर की तस्वीरें दिखाएंगे जहां उनका जन्म हुआ था.
प्रेमानंद महाराज का जन्म आखरी गांव सरसौल ब्लॉक, कानपुर, उत्तर प्रदेश के पांडेय परिवार में हुआ था. बचपन में उनका नाम अनिरुद्ध कुमार पांडेय था. बचपन से ही प्रेमानंद महाराज भक्ति सेवा में लगे रहते थे. जानकार बताते है जब प्रेमानंद महाराज 9वीं क्लास में थे तब उन्होंने सन्यासी बनने का फैसला लिया और वह 3 बजे अपने घर को छोड़ कर भाग गए थे.
प्रेमानंद महाराज का बचपन का गांव
हाल ही में प्रेमानंद महाराज के पैतृक घर और गांव की कुछ तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई है. इन तस्वीरों में महाराज जी के घर और गांव को देखा जा सकता है. तस्वीर में आप देख सकते है कि महाराज जी के पैतृक गांव से उनके घर का रास्ता कच्चा है. उनके घर का जो रंग है वह पीला है. खास बात यह है कि उनके घर का नाम ‘राधा वाटिका’ है. सोशल मीडिया के वायरल वीडियो में बताया जा रहा है कि प्रेमानंद महाराज का यह बचपन का घर है. महाराज जी का इसी आखरी गांव में जन्म हुआ है.
13 वर्षकी आयु में छोड़ दिया था पैतृक गांव
प्रेमानंद महाराज अपने सत्संग में आए हुए भक्तों को राधे नाम जप करने के लिए कहते हैं. महाराज जी ने खुद कई बार बताया है कि वह 13 वर्ष की आयु में अपना घर और गांव छोड़ कर चले गए थे. घर छोड़ने के बाद वह धीरे-धीरे भक्ति की और बढ़ते चले गए. जिसके बाद लंबे समय के बाद उन्हें वृंदावन और राधा रानी का आशीर्वाद प्राप्त हुआ. गांव के लोग बताते है जब से महाराज जी ने अपना गांव और घर को छोड़ा है उसके बाद से वह कभी गांव या अपने पैतृक घर नहीं आए.
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FIRST PUBLISHED : February 15, 2024, 11:27 IST