राधिका कोडवानी/इंदौर. अब भारत में मोटे अनाज के सेवन का ट्रेंड बढ़ गया है, जहां भोजन में रोटियां, चावल और सब्जी बनाई जाती थी, उन्हें मिलेट्स से रिप्लेस कर दिया है. लोगों को गेहूं के बजाय मल्टीग्रेन आटे की रोटियां पसंद आ रही हैं. बाजार में भी कई तरह का मल्टीग्रेन आटा आजकल आसानी से मिल रहा है, जिसमें बाजरा, रागी, जौ, चना, गेहूं, ज्वार, कोदो, कुट्टू जैसा अनाज शामिल है, मगर समझने वाली बात ये है कि मिलेट्स को रोज खाया जा सकता है. क्या इतने अनाजों को मिलाकर बना आटा फायदेमंद है या इसका कुछ नुकसान भी हो सकता है? आइए जानते हैं…
इंदौर की डायटिशियन डॉ. प्रीती शुक्ला कहती हैं कि मल्टीग्रेन आटे की रोटियां खाना कोई नया ट्रेंड नहीं है. गेहूं तो हमारे भोजन का हिस्सा काफी समय बाद बना है, उससे पहले यहां जौ, बाजरा, मक्का, चना आदि की ही रोटियां खाई जाती थीं. उसके बाद गेहूं के आटे में चना और जौ मिलाकर मिस्सी रोटी खाने का चलन भी पुराना रहा है. मिलेट्स खाने से कुछ बीमारियों को तो भगाया जा सकता है, मगर इसके अति सेवन से दिक्कतें भी बढ़ती हैं. वो कहते हैं ना हर वो चीज, जो जरूरत से ज्यादा जिंदगी में आती है वो मुसीबत बन जाती है. ऐसे ही मिलेट्स की अति भी नुकसानदायक है.
मिक्स खाने से पेट संबंधी समस्या
मिलेट्स को कुछ बीमारियों में अवॉइड किया जा सकता है, क्योंकि अनाजों में भरपूर फाइबर है. इसके अलावा रागी में कैल्शियम, ज्वार में फॉस्फोरस, गेहूं में कार्बोहाइड्रेट, चना में प्रोटीन और जिंक, बाजरा में आयरन ज्यादा होता है. ऐसे में सभी को मिलाकर खाया जाए तो ये मिक्स होकर डाइजेशन में दिक्कत पहुंचा सकते हैं. इसकी वजह से पेट संबंधी कई परेशानियां होना संभव है. वहीं सभी का पर्याप्त गुण भी नहीं मिल पाता है.
भोजन की थाली को बदलें
डॉ. शुक्ला कहती हैं कि मिलेट्स की वजह से लोगों ने दूसरे अनाज और दाल, सलाद, सब्जी को पूरी तरह से छोड़ दिया है. जिससे दिक्कतें हो रही हैं. मिलिट्स को पानी की ज्यादा मात्रा लगती है, गृहणियां पानी का कम सेवन करती हैं तो ड्राय स्कीन की समस्या होती है. ये एक अनाज है यानि ये कार्बोहाइड्रेड है. इसमें प्रोटीन और फाइबर की मात्रा भी बाकी अनाज के बराबर होती है. मिलिट़स को जितना बारीक पीसते हैं उसका एमाइलेज स्टार्च उतना ही फ्रेजाइल हो जाता है. इसलिए ब्लड ग्लूकोज ज्यादा होता है. कोशिश करें कि मिलिट्स को सीमित मात्रा और अलग अलग खाएं. इसके साथ सब्जी, दाल और सलाद भी लें. दाल, दही से प्रोटीन मिलता है.
बच्चों की हाइट रोक रहे मिलेट्स
लोगों को अपने शरीर के मुताबिक भोजन का सेवन करना चाहिए. बढ़ते बच्चों की हाइट भी मिलेट्स ही रोक रहे हैं. उन्हें भी रैशेज और स्किन ड्राइनेस की समस्या हो रही है. इसलिए अपनी थाली में एक चौथाई हिस्सा अनाज (गेहूं, बाजरा, रागी जैसे अनाज में कोई सा भी), एक कटोरी दाल या दही (प्रोटीन युक्त), एक चौथाई हिस्सा सब्जी और एक चौथाई हिस्सा सलाद लें. ये एक हेल्दी थाली है.
ऐसे करें सेवन
अगर मल्टीग्रेन को लेकर कन्फ्यूजन है तो एक आइडिया बेस्ट है कि सभी अनाजों को अलग अलग खाएं. जैसे हफ्ते में दो दिन गेहूं की रोटी, एक दिन मक्का, बाजरा, ज्वार या चने-जौ की रोटी खा सकते हैं. इससे सभी अनाजों के गुण आपको मिलेंगे और वे एक दूसरे के साथ मिलकर डाइजेशन को भी खराब नहीं करेंगे.
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FIRST PUBLISHED : March 13, 2024, 12:30 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.