अमित कुमार/समस्तीपुर : खेती, पशुपालन के बाद अब किसान मछली पालन के साथ मुर्गा पालन पर भी विशेष ध्यान देते हैं. इसमें एक बार में अच्छा मुनाफा होता है. ऐसे ही एक मछली पालक हैं मो.काजी रसूल. समस्तीपुर के विद्यापति नगर प्रखंड के खेसराहा गांव के हैं. वह महज 8 कट्ठा में मछली पालन भी करते हैं. इससे एस सीजन में 5 लाख का मुनाफा कमाते हैं. इसके साथ ही वह मुर्गा पालन भी करते हैं. इससे उनको दोहरा मुनाफा है. एक तो मछली का भोजन मिल जाता साथ ही मुर्गा से अलग कमाई होती है. एक ही साथ मुर्गा और मछली दोनों तैयार हो जाते हैं.
एक ही समय में दोनों होता है तैयार
मो.काजी रसूल ने कहा कि 8 कट्ठा में तालाब खुदवा कर मछली पालन कर प्रतिवर्ष 5 से लाख से अधिक रुपए का मुनाफा कमाते हैं.एक ही खर्च में दो-दो काम को निपटा लेते हैं. मछली पालन करने के उद्देश्य से मुर्गा पालन करते है. मुर्गा के बीट तालाब में डाल दिया जाता है. इसको खाकर मछली बहुत तेजी से बढ़ती है. तालाब में छह अलग-अलग प्रजाति कीमछली का पालन करता हूं .मछली के खाना के लिएमछली दाना कीआवश्यकता नहीं होती है. तालाब में रेहु, छली, कतला मछली, जासर,गोल्डन, नैनी का मछली है.
ढ़ेड साल से करते हैं मछली पालन
मछली पालक मो. काजी रसूल नेबताया कि पिछले डेढ़ वर्षों से लगातार मछली पालन का कारोबार कर रहा हूं. एक खर्चे में डबल मुनाफा वाले इस व्यवसाय को माना जा सकता है. लेकिन मछली एवं मुर्गा पालन एक साथ करना अनिर्वाय है. उन्होंने कहा कि लोगों को मछली पालन एवं मुर्गा पालन करने का तौर तरीका पता होना अनिवार्य है.
वही बिक्री की बात करें तो उन्होंने कहा कि बेचने में भी कोई परेशानी नहीं होती है. सिर्फ व्यापारियों को इसकी जानकारी होनी चाहिए कब मछली तालाब से निकलेगी. वह खुद आकर यहां से मछली थोक रेट में ले जाते हैं. 180-200 रुपया प्रति केजी के हिसाब से मछली बेची जाती है.
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FIRST PUBLISHED : January 14, 2024, 12:32 IST