मिट्टी के दीये बनाने वालों का मकान पक्का: 5 साल में बदली लाइफ स्टाइल, अब रोजगार की परेशानी, युवा पुश्तैनी काम छोड़ करना चाहते हैं नौकरी

वाराणसी14 मिनट पहले

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किसी भी उत्सव और महोत्सव में दीयों की जगमगाहट दिखाई देती है। एक सवाल मन में आता है की हर उत्सव में उजाला करने वाले इन दीयों को बनाने वाले कुम्हार के जीवन में क्या उजियाला फैला है? क्या उनका जीवन अब सुधर गया है? या आज भी उनके आंगन में बदलाव का सूरज नहीं उगा है। क्या उनकी नई पीढ़ी इस पुश्तैनी कारोबार को संभालेगी या नया रोजगार उन्हें चाहिए। इस पर दैनिक भास्कर ने वाराणसी के हुकुलगंज, नई बस्ती इलाके में मौजूद कुम्हार बस्ती में कुम्हार और उनके परिवार से बात की…

कुम्हार बस्ती में हुआ चार साल में बदलाव

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