मिट्टी की जांच से फसलों को मिलेगा फायदा, कम रसायन में होगी बेहतर उपज

विक्रम कुमार झा/पूर्णिया:- किसान अपने खेतों में मिट्टी की जांच कराए बिना फसल लगा देते हैं, जिससे उन्हें ज्यादा खर्च के साथ कम मुनाफा होता है. इसपर पूर्णिया के जिला जांच मिट्टी प्रयोगशाला के सहायक निदेशक अमित कुमार कहते हैं कि किसान अपने खेतों की मिट्टी की जांच कराकर कम खपत और कम खर्च पर ज्यादा उपज और मुनाफा निश्चित तौर पर कमा सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक किसान फसल लगाने के साथ उर्वरक की खपत भी अधिक करते हैं, जिसका असर मुनाफे पर पड़ता है.

फ्री में होगी मिट्टी की जांच
दरअसल किसान खेती करने के लिए तरह-तरह के कीटनाशक फर्टिलाइजर का भरपूर इस्तेमाल करते हैं. इससे मिट्टी की गुणवत्ता पर असर पड़ता है. ऐसे में किसान जब फसल लगाते हैं, तो ना उन्हें मुनाफा मिल पाता है और ना ही फसल अच्छी हो पाती है. लेकिन अगर आप खेत की मिट्टी को प्रयोगशाला में जांच करवा कर रिपोर्ट के मुताबिक इसकी खेती करें, तो निश्चित तौर पर आपको कम लागत में ज्यादा मुनाफा होगा.

मिट्टी जाँच कराने के फायदे
पूर्णिया जिला मिट्टी जांच प्रयोगशाला में रसायन विभाग के सहायक निदेशक अमित कुमार एवं अनिल जायसवाल ने कहा कि पूर्णिया जिला के खुश्कीबाग स्थित जिला संयुक्त कृषि कार्यालय कैंपस में मिट्टी जांच प्रयोगशाला है. यह प्रयोगशाला बिहार और केंद्र सरकार के अधीनस्थ होते हुए किसान के लिए मिट्टी जांच कर उन्हें 12 पोषक तत्वों की पूर्ण जानकारी देकर रिपोर्ट देता है. यह सुविधा पूरी तरह निः शुल्क हैं, जिससे आने वाले समय में किसान को खेती करने में सहूलियत होगी और उन्हें कम लागत के साथ ज्यादा मुनाफा मिल पाएगा. हालांकि पूर्णिया और सीमांचल की धरती पर चार मुख्य फसल धान, गेहूं, मक्का और आलू के अनुशंसा कर उन्हें सरकारी लाभ के लिए भी अग्रसरित किया जाता है.

ऐसे करा सकते हैं मिट्टी जांच
सहायक निदेशक अमित कुमार कहते हैं कि जिले के कोई भी किसान अपने खेत के मिट्टी की जांच आसानी से करा सकता है. इसके लिए दो तरीके होते हैं ,जिसमें पहला तरीका है कि ऑनलाइन कृषि सलाहकार या कृषि समनव्यक से संपर्क कर जांच कराना या ऑफलाइन के माध्यम से कोई भी किसान अपने खेत की मिट्टी की जांच आसानी से कराने के लिए जिला मिट्टी जांच प्रयोगशाला आना. यह सुविधा पूरी तरह निःशुल्क है. हालांकि अगर आप ऑनलाइन के माध्यम से मिट्टी जांच करवाते हैं, तो आपको मृदा सर्टिफिकेट (Soil Testing Report) उपलब्ध होगा, जिससे आप अपने खेत में लगाए हुए फसल आलू, गेहूं, मक्का और धान के लिए सरकारी लाभ भी ले पाएंगे.

पोषक तत्व की मिलती है जानकारी
प्रयोगशाला के अधिकारी अनिल जायसवाल कहते हैं कि मिट्टी में मौजूद पोषक तत्व जस्ता, लोहा, तांबा, कॉपर, मैंगनीज, बोरन, गंधक सल्फेट फेरस, सल्फेट कॉपर, सल्फेट मैंगनीज, सल्फेट, बोरम, सुहाग गंधक, नाइट्रोजन, फास्फोरस, PH लेवल सहित अन्य कई पोषक तत्व हैं, जिससे आए दिन किसान अपने खेत की मिट्टी के बारे आसानी से जान सकता है. इससे उन्हें खेती करते समय जरूरत के मुताबिक ही रसायन या जैविक का प्रयोग करने की जानकारी मिलेगी. किसान को मिट्टी में कितना खाद और कितने पानी का छिड़काव करना है, इस सबकी सटीक जानकारी मिलेगी. इससे किसानों को बचत के साथ विशेष फायदा होगा. किसानों के द्वारा उत्पादित किये फसल कम रसायन और बेहतर उपज के साथ होंगे.

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