राजकुमार/ महासमुंदः केरल में आए तूफान मिचौंग ने पूरे देश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में भी भारी असर देखने को मिला. छत्तीसगढ़ में 1 नवंबर से शुरू होने वाली धान खरीदी में तूफान के कारण प्रतिबाधित हो गई थी, जिससे किसानों और अन्य कृषि फसलों को भारी नुकसान हुआ. खेतों में फसलों की कटाई हो गई और इससे धान और सब्जियों की फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है. बारिश के कारण धान की खरीदी में भी बाधा उत्पन्न हुई.
किसानों ने धान को काटकर अपने घरों में रख लिया था और इसे धान खरीदी केंद्रों में बेचने के लिए तैयारी कर रखी थी, लेकिन तूफान के कारण धान खरीदी बंद हो गई थी. तूफान के बाद, मौसम में सुधार हुआ और धान खरीदी की प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है. किसान अब फिर से धान बेचने के लिए तैयार हैं, जिससे उन्हें राहत मिल रही है.
मिचौंग तूफान का असर
हालांकि, मिचौंग तूफान के कारण धान खरीदी केंद्रों को बंद करना पड़ा, जिससे किसानों के साथ-साथ मजदूरों को भी नुकसान हुआ. धान खरीदी केंद्रों के प्रभारी बता रहे हैं कि 4 दिनों से धान खरीदी बंद होने से किसानों की लंबी कतिबंध बनी रही, लेकिन धान बेचने के तीन दिनों के भीतर ही किसानों के खाते में पैसा जमा हो रहा है. धान खरीदी केंद्रों में धान की सुरक्षा के लिए उच्च स्तर पर तैयारी की गई है, जिससे तूफान के बावजूद नुकसान कम हुआ है.
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FIRST PUBLISHED : December 11, 2023, 23:03 IST