मास्टर प्लान से बदलेगी बद्रीनाथ धाम की सूरत, PM मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट का पूरा अपडेट

सोनिया मिश्रा/ चमोली.उत्तराखंड के चमोली जिले में चार धामों में से एक धाम बद्रीनाथ धाम (Badrinath Dham) स्थित है. धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हैं लेकिन धाम में बद्रीनाथ मास्टर प्लान यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के ड्रीम प्रोजेक्ट का काम जारी है. पीएमओ से लेकर प्रदेश सरकार तक मास्टर प्लान की निगरानी कर रही है. सरकार ने केदारनाथ की तर्ज पर साल 2020 में बद्रीनाथ धाम के लिए एक मास्टर प्लान बनाकर प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजा था, जिसका बजट उस वक्त 424 करोड़ रुपये था. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले विधानसभा चुनावों से पहले कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी के निर्देशन में मास्टर प्लान तैयार किया गया है. जिसके बाद 2022 से धाम में मास्टर प्लान के काम शुरू हुआ. यह काम तीन चरणों में चल रहा है, जिसके पहले चरण का काम पूरा हो चुका है और दूसरे चरण का काम चल रहा है.इसके 2025 तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है. जिसके बाद भविष्य में बद्रीनाथ धाम एक ‘स्मार्ट स्प्रिचुअल हिल टाउन’ बन जाएगा.

तीन चरणों में प्रस्तावित है मास्टर प्लान

बद्रीनाथ धाम के सौंदर्यीकरण का तीन चरणों में काम चल रहा है. इसके पहले चरण में लेक फ्रंट डेवलपमेंट, रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, एराइवल प्लाजा, सिविक एमिनिटी सेंटर, लूप रोड, हॉस्पिटल एक्सटेंशन शामिल है. इन दिनों धाम में दूसरे चरण के काम चल रहे हैं, जिसमें बद्रीनाथ धाम में प्रवेश करने वाले आंतरिक मार्गों को ठीक किया जा रहा है, जिससे यात्रियों को धाम तक पहुंचने में कठिनाई न हो. इसके लिए हैदराबाद से ‘कोबल स्टोन’ मंगवाए गए हैं, जिन्हें इन दिनों बिछाया जा रहा है.

भविष्य में मिनी स्मार्ट हिल स्टेशन के रूप में विकसित होगा धाम

इसके साथ ही दूसरे चरण के कार्यों में मंदिर परिसर के हिस्से में मंदिर के सौंदर्यीकरण का काम किया जा रहा है. इसके लिए मंदिर के पास एक तय दूरी पर बने पुराने कंस्ट्रक्शन को हटाया जा रहा है. वहीं बद्रीनाथ धाम को भव्य रूप प्रदान करने के लिए अभी तीसरे चरण के काम प्रस्तावित हैं. इसमें धाम में नजदीक स्थित शेष नेत्र और बद्रीश झील से लेकर बद्रीनाथ मंदिर तक आस्था पथ का निर्माण किया जाएगा. साथ ही मंदिर के पीछे की ओर ‘बद्रीश वन’ तैयार किया जाएगा, जिससे भविष्य में बद्रीनाथ धाम मिनी स्मार्ट हिल स्टेशन के रूप में विकसित किया जाएगा.

मास्टर प्लान के काम में जुटे 150 मजदूर

अधिशासी अभियंता, पीआईयू जोशीमठ वीके सैनी ने बताया कि बद्रीनाथ मास्टर प्लान के काम में 150 मजदूर जुटे हैं, जबकि 30 इंजीनियर काम की निगरानी कर रहे हैं. ठंड बढ़ने से सीमेंट के काम बंद कर दिए गए हैं. लूप रोड पर पत्थर बिछाने के साथ ही रिवर फ्रंट के काम चल रहे हैं. यह काम बर्फबारी शुरू होने तक जारी रहेगा. यदि जनवरी तक भी मौसम अनुकूल रहता है, तो मास्टर प्लान के काम इसी तरह चलते रहेंगे.

Tags: Badrinath Dham, Local18, Uttrakhand

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