राहुल दवे/इंदौर: इंदौर के डॉ. अंबेडकर नगर महू से प्रतिदिन चलने वाली मालवा एक्सप्रेस वैष्णो देवी के कटरा तक चलती है. शनिवार को भी यह ट्रेन रवाना हुई और रास्ते में कपलिंग खुलने से दो हिस्सों में बंट गई, जिससे यात्रियों में हड़कंप मच गया. ऐसा एक नहीं दो बार हुआ. घटना को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि यदि ट्रेन की स्पीड तेज होती या ढलान वाले हिस्से पर कपलिंग खुलती तो बड़ा हादसा हो सकता था.
पहले ठीक किया, फिर दोबारा खुली कपलिंग
शनिवार को अपने निर्धारित समय पर मालवा एक्सप्रेस महू से सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर रवाना हुई और इंदौर, देवास होते हुए पौने दो बजे उज्जैन, ढाई बजे मक्सी और 2 बजकर 41 मिनट पर पीर उमरोद पहुंची. मक्सी से पीर उमरोद की दूरी 8 किलोमीटर है. यहीं पर कपलिंग खुल गई. इसके चलते इंजन और उसके पीछे के दो जनरल डिब्बे अलग हो गए. कपलिंग को ठीक कर ट्रेन को दोबारा रवाना किया गया, लेकिन 10 मिनट बाद बेरछा स्टेशन पर यह फिर खुल गई.
दूसरा हिस्सा पटरी पर चलता रहा
कपलिंग खुलने के बाद ट्रेन का एक हिस्सा इंजन के साथ आगे चला गया. दूसरा हिस्सा पटरी पर ही चलता रहा. डिब्बों में कई यात्री सवार थे. दो हिस्सों में ट्रेन के बंटने से उनमें हड़कंप मच गया. हालांकि, कोई जनहानि नहीं हुई. कपलिंग जोड़ने के बाद ट्रेन शाम 5.50 बजे यहां से रवाना हुई.
तो होता बड़ा हादसा
घटना को लेकर रेलवे के विशेषज्ञों का कहना है कि स्टेशन से रवाना होने के बाद ट्रेन की स्पीड कम थी. वहीं दूसरी बार भी कपलिंग खुली तो दस मिनट में ट्रेन स्पीड नहीं पकड़ पाई थी. यदि स्पीड तेज होती या फिर ढलान वाले हिस्से पर कपलिंग खुलती तो बड़ा हादसा होने की संभावना थी.
मेंटेनेंस पर उठे सवाल
आमतौर पर सभी ट्रेनों को रवाना किए जाने के पहले और ट्रेन को ट्रैक पर चलाने से पहले उसकी जांच होती है. मेंटेनेंस भी किया जाता है. इसमें सभी पार्ट्स चेक किए जाते हैं. मेंटेनेंस डिपार्टमेंट से ओके रिपोर्ट मिलने के बाद ही ट्रेन को ट्रैक पर चलाया जाता है. मालवा एक्सप्रेस मेंटेनेंस के बाद 3 घंटे के अंदर ही हादसे का शिकार हो गई. ऐसे में मेंटेनेंस को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या कपलिंग चेक नहीं की गई थी या इसमें लापरवाही की गई है.
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FIRST PUBLISHED : March 17, 2024, 15:50 IST