मालदीव की पूर्व रक्षा मंत्री बोलीं- पड़ोसियों से दोस्ती जरूरी: कहा- हम भारत में गलत वजहों से चर्चा में; उन्होंने हमेशा हमारी मदद की

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20 मिनट पहले

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फुटेज में मालदीव की पूर्व रक्षा मंत्री मारिया दीदी भारत के साथ रिश्तों पर बात करती नजर आ रही हैं। (क्रेडिट- फर्स्टपोस्ट) - Dainik Bhaskar

फुटेज में मालदीव की पूर्व रक्षा मंत्री मारिया दीदी भारत के साथ रिश्तों पर बात करती नजर आ रही हैं। (क्रेडिट- फर्स्टपोस्ट)

मालदीव की पूर्व रक्षा मंत्री मारिया दीदी ने कहा है कि मालदीव गलत वजहों से भारत और खासकर वहां के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर चर्चा में है। मीडिया हाउस फर्स्टफोस्ट के डिफेंस समिट में मारिया ने कहा- हम लोग ऐसे नहीं हैं। हमें विदेशियों का मालदीव आना पसंद है। हम सभी लोगों को मालदीव आने का न्योता देते हैं।

मारिया 2018 से 2023 तक मोहम्मद सोलिह की सरकार के दौरान मालदीव की रक्षा मंत्री थीं। उन्होंने कहा- जलवायु परिवर्तन मालदीव के अस्तित्व के लिए खतरा है। जब एशिया में सुनामी आई थी तब हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। उस वक्त भारत पहला देश था जो हमारी मदद के लिए आगे आया था। इसके अलावा भारतीय सेना ने भी हमेशा हमारी मदद की है। आज मालदीव में चीनी जहाज मौजूद है। हम नहीं चाहते कि हम किसी ऐसी परिस्थिति में फंस जाए, जो हमें जंग में धकेल दे।

PM मोदी ने लक्षद्वीप दौरे की यह तस्वीर शेयर करते हुए कहा था- प्राकृतिक सुंदरता के अलावा लक्षद्वीप की शांति भी मंत्रमुग्ध कर देने वाली है।

PM मोदी ने लक्षद्वीप दौरे की यह तस्वीर शेयर करते हुए कहा था- प्राकृतिक सुंदरता के अलावा लक्षद्वीप की शांति भी मंत्रमुग्ध कर देने वाली है।

मारिया बोलीं- हमारी पार्टी लगातार रिश्ते बेहतर कर रही थी
पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा- देश और क्षेत्र की भलाई के लिए हमें पड़ोसी देशों के साथ स्थिरता और दोस्ती बनाए रखना जरूरी है। जब हमारी मालदीव डेमोक्रैटिक पार्टी (MDP) सत्ता में थी, तब हम हमेशा पड़ोसियों के साथ बेहतर संबंध बनाते थे।

दरअसल, 3 जनवरी को PM मोदी लक्षदीप के दौरे पर गए थे, जिसकी तस्वीरें वायरल हुई थी। इसके बाद लोग सोशल मीडिया पर मालदीव की बजाय लक्षदीप घूमने की बात करने लगे थे। इसके जवाब में मालदीव के तीन मंत्रियों ने PM मोदी और भारत के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी।

सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुआ बॉयकॉट मालदीव
भारत पर आपत्तिजनक टिप्पणियों के बाद सोशल मीडिया पर बॉयकॉट मालदीव ट्रेंड करने लगा था। इस वक्त मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन के दौरे पर थे। उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से ज्यादा से ज्यादा पर्यटक मालदीव भेजने की मांग की थी। मालदीव लौटने के बाद उन्होंने कहा था कि कोई देश उन्हें धमका नहीं सकता है।

मालदीव-भारत के बीच तनाव के बाद से पड़ोसी देश में भारतीय पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई है। मालदीव में 4 फरवरी तक आए पर्यटकों में सबसे ज्यादा चीन के 23,972 लोग रहे।

जबकि 2023 में मालदीव में चीनी पर्यटकों की तादाद तीसरे नंबर पर थी। वहीं, मालदीव में पिछले साल सबसे ज्यादा भारतीय पर्यटक गए थे, ये इस साल फरवरी तक पांचवें नंबर पर आ गए हैं। इस साल 16,536 भारतीय ही मालदीव घूमने गए हैं। यहां फरवरी तक कुल पर्यटकों में भारत की हिस्सेदारी 7.7% है, जबकि चीन की हिस्सेदारी 11.2% हो गई।

मालदीव की इकोनॉमी टूरिज्म बेस्ड, भारत सबसे बड़ा हिस्सेदार
मालदीव की इकोनॉकी टूरिज्म पर डिपेंड करती है। यहां 70% नौकरियां टूरिज्म सेक्टर से पैदा होती हैं। इसमें 14% से 20% इनकम भारत से होती है। जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी की वजह से आर्थिक तंगी से जूझ रही थी, भारत के 63 हजार टूरिस्ट वहां गए थे।

पिछले 3 साल के आंकड़ों के मुताबिक के कुल टूरिस्ट में भारतीयों की हिस्सेदारी 15-25% रहती है। मालदीव में हर साल करीब 20 लाख लोग घूमने जाते हैं। इनमें भारत से 2021 में 2.91 लाख, 2022 में 2.41 लाख और 2023 में 2.10 लाख टूरिस्ट मालदीव गए।

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