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मुंबई12 मिनट पहले
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शेयर बाजार में अगले हफ्ते उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। एनालिस्ट्स के मुताबिक, कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजे, FOMC मीटिंग, ग्लोबल इकोनॉमिक डेटा, इजराइल-हमास वॉर, ऑटो सेल्स डेटा, डॉमेस्टिक इकोनॉमिक डेटा, FII आउट-फ्लो और अपकमिंग IPO पर बाजार की नजर रहेगी।
यहां हम ऐसे फैक्टर्स के बारे में बता रहे हैं, जिनसे 30 अक्टूबर यानी सोमवार से शुरू होने वाले हफ्ते में बाजार की चाल तय होगी…
कंपनियों के दूसरी तिमाही के रिजल्ट्स
अगले हफ्ते भी बाजार की चाल तय करने में कंपनियों के दूसरी तिमाही के रिजल्ट्स सबसे बड़ा फैक्टर रहेगा। अपकमिंग वीक में लगभग 700 कंपनियां अपने नतीजे जारी कर सकती हैं, जिनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, लार्सन एंड टुब्रो, टाटा मोटर्स, भारती एयरटेल, टाटा स्टील, सन फार्मास्युटिकल, हीरो मोटोकॉर्प, टाइटन, यूपीएल, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, अडाणी एंटरप्राइजेस और ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज जैसी प्रमुख कंपनियां शामिल हैं।
इसके अलावा गेल इंडिया, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, अंबुजा सीमेंट्स, टीवीएस मोटर, इंटरग्लोब एविएशन, जोमैटो, डेल्हीवरी, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, डीएलएफ, मैरिको, अदाणी पावर, जिंदल स्टील एंड पावर, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, LIC हाउसिंग फाइनेंस, डाबर इंडिया, गोदरेज प्रॉपर्टीज, इंडियन एनर्जी एक्सचेंज, भारत डायनेमिक्स, एस्कॉर्ट्स कुबोटा, जेएसडब्ल्यूइंफ्रास्ट्रक्चर, थर्मैक्स और पीबी फिनटेक भी अपने सितंबर तिमाही के नतीजे घोषित करेंगी।
FOMC मीटिंग और ग्लोबल इकोनॉमिक डेटा
ग्लोबल मार्केट 1 नवंबर को फेडरल रिजर्व की फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की मीटिंग के नतीजों पर नजर रखेंगे। इस दौरान फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बयान पर भी फोकस रहेगा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि फेड फंड रेट 5.25-5.50% पर बरकरार रहने की उम्मीद है। लेकिन साल के आखिरी तक फाइनल रेट में बढ़ोतरी की संभावना के बारे में पॉवेल का बयान और रेट हाइक में ठहराव के बारे में संकेत भी महत्वपूर्ण होंगे।
अमेरिकी 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड लगभग 16-साल के हाई लेवल पर है। हालांकि, यह पिछले सप्ताह के 4.93% के मुकाबले इस सप्ताह थोड़ी कम होकर 4.84% पर आ गई। अमेरिकी डॉलर इंडेक्स 106.16 के स्तर से बढ़कर 106.58 पर बंद हुआ। इसके अलावा 31 अक्टूबर और 2 नवंबर को होने वाली बैंक ऑफ जापान और बैंक ऑफ इंग्लैंड की पॉलिसी मीटिंग्स पर भी निवेशक खासा ध्यान रखेंगे।
अक्टूबर के लिए अमेरिकी बेरोजगारी दर, नॉन-फार्म पेरोल और मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज पीएमआई नंबर्स; फैक्टरी ऑर्डर और Q3CY23 के लिए यूरोप की GDP ग्रोथ रेट के अनुमान पर भी ग्लोबल इन्वेस्टर्स की नजर रहेगी।
इजराइल-हमास वॉर
इजराइल और हमास के बीच बढ़ते संघर्ष ने ग्लोबल डेवलपमेंट के दृष्टिकोण और तेल की कीमतों में अस्थिरता पर अनिश्चितता बढ़ा दी है। यह युद्ध अगले सप्ताह भी ग्लोबल लेवर चर्चा के लिए हॉट टॉपिक्स में से एक रहेगा। इसकी वजह है कि युद्ध के कारण सेफ-हेवन डिमांड ने पिछले सप्ताह COMEX सोने की कीमतों को 2,000 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस से ऊपर उठा दिया।
शनिवार को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के खिलाफ युद्ध के दूसरे चरण की शुरुआत की घोषणा की। इजरायल ने गाजा में बंधकों को घर वापस लाने के लक्ष्य के साथ गाजा में ग्राउंड ऑपरेशंस बढ़ा दिए हैं, ताकि हमास के समूहों को नष्ट किया जा सके।
चालू माह के दौरान तेल की कीमतें सीमित दायरे में बनी रहीं और 95 डॉलर प्रति बैरल से नीचे रहीं, क्योंकि युद्ध ने अभी तक तेल की सप्लाई को प्रभावित नहीं किया है। तेल की कीमतों को मजबूत अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों से भी सपोर्ट मिला।
FII फ्लो
फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FII) की बिकवाली पिछले सप्ताह हाई लेवल पर रही और इसकी वजह से भी शेयर बाजारों में गिरावट देखी गई। FII ने पिछले सप्ताह भारतीय इक्विटी से 13,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम निकाल ली। अक्टूबर में FII की ओर से टोटल आउट-फ्लो सितंबर के लगभग 26,600 करोड़ रुपए के बराबर रहा।
इसका कारण अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में ग्रोथ, पश्चिम एशिया में इजराइल-हमास युद्ध के कारण अनिश्चितता और सितंबर-तिमाही की मिश्रित आय है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब तक भू-राजनीतिक तनाव से संबंधित अस्थिरता कम नहीं हो जाती, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड कम नहीं हो जाती और वैल्यूएशन आकर्षक नहीं हो जाता, तब तक FII की ओर से निवेश वापस आने की संभावना नहीं है।
वित्तीय सेवाओं और आईटी शेयरों में FII बिकवाली का ज्यादा दबाव देखा गया है। दूसरी ओर, डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ने सप्ताह के दौरान 11,550 करोड़ रुपए और चालू माह में 23,400 करोड़ रुपए के स्टॉक खरीदकर FII के आउटफ्लो को काफी हद तक कम करने में कामयाबी हासिल की है।
ऑटो सेल्स
घरेलू मोर्चे पर बाजार सहभागियों की नजर अक्टूबर के मासिक ऑटो सेल्स आंकड़ों पर भी रहेगी, जो 1 नवंबर को जारी होने वाले हैं। ज्यादातर एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि त्योहारी सीजन के कारण कंपनियां अच्छे आंकड़े जारी रखेंगी।
कंपनियों की ओर से प्रोडक्ट लॉन्च, बढ़ते प्रोडक्शन लेवल और मजबूत आर्थिक विकास भी सेल्स को बढ़ावा दे रहे हैं। सितंबर में पैसेंजर व्हीकल्स की बिक्री पिछले साल से 19% और टूव्हीलर्स की सेल्स 22% बढ़ी।
डॉमेस्टिक इकोनॉमिक डेटा
देश के आर्थिक आंकड़ों के मोर्चे पर सितंबर के लिए फिस्कल डेफिसिट और इंफ्रास्ट्रक्चर आउटपुट डेटा 31 अक्टूबर को जारी किया जाएगा। वहीं अक्टूबर के लिए एसएंडपी ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई आंकड़े 1 नवंबर को जारी किए जाएंगे।
3 नवंबर को अक्टूबर के लिए एसएंडपी ग्लोबल सर्विसेज और कंपोजिट पीएमआई, 20 अक्टूबर को समाप्त 15 दिनों की अवधि के लिए बैंक लोन और डिपॉजिट ग्रोथ और 27 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह के लिए फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व के आंकड़े भी जारी किए जाएंगे।
इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग
अगले सप्ताह 6 कंपनियां IPO लॉन्च करने वाली हैं। मेनबोर्ड सेगमेंट में कंज्यूमर-वेयर कंपनी सेलो वर्ल्ड का IPO 30 अक्टूबर को ओपन होगा। इस IPO से कंपनी 1,900 करोड़ रुपए जुटाएगी। यह IPO 1 नवंबर को क्लोज होगा। इसका प्राइस बैंड 617-648 रुपए प्रति शेयर है।
वहीं मामाअर्थ की पेरेंट कंपनी होनासा कंज्यूमर का 1,701 करोड़ रुपए का IPO 31 अक्टूबर को ओपन और 2 नवंबर को क्लोज होगा। इसका प्राइस बैंड 308-324 रुपए प्रति शेयर है।
SME सेगमेंट में ट्रांसटील सीटिंग टेक्नोलॉजिज 30 अक्टूबर से 1 नवंबर तक 49.98 करोड़ रुपए का IPO लाएगी और प्राइस बैंड 67-70 रुपए प्रति शेयर होगा। वृंदावन प्लांटेशन का 15.29 करोड़ रुपए का IPO भी इसी अवधि के दौरान ओपन होगा और प्राइस बैंड 108 रुपए प्रति शेयर होगा।
मिश डिजाइंस का 9.76 करोड़ रुपए का IPO 31 अक्टूबर से 2 नवंबर के दौरान ओपन रहेगा। इसका प्राइस बैंड 122 रुपए प्रति शेयर है। एसएआर टेलीवेंचर इश्यू अगले महीने 1-3 नवंबर के दौरान ओपन रहेगा। इसका प्राइस बैंड 52-55 रुपए प्रति शेयर होगा और कंपनी इससे 24.75 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है।
पिछले सप्ताह ओपन हुए IPO जैसे पैरागॉन फाइन और स्पेशिएलिटी केमिकल्स 30 अक्टूबर को क्लोज होंगे। शांथला एफएमसीजी प्रोडक्ट्स और केके शाह हॉस्पिटल्स का IPO 31 अक्टूबर और मैत्रेय मेडिकेयर का IPO 1 नवंबर को क्लोज होगा।
लिस्टिंग के मोर्चे पर फार्मा कंपनी ब्लू जेट हेल्थकेयर के शेयर की लिस्टिंग 1 नवंबर को होगी। राजगोर कैस्टर डेरिवेटिव्स 31 अक्टूबर को NSE इमर्ज पर लिस्ट हो सकता है।
पिछले हफ्ते बाजार में रही थी गिरावट
पिछले कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन यानी शुक्रवार (27 अक्टूबर) को शेयर बाजार में तेजी देखने को मिली थी। सेंसेक्स 634 अंक बढ़कर 63,782 के स्तर पर बंद हुआ था। निफ्टी में भी तेजी रही, यह 190 अंक चढ़कर 19,047 के स्तर पर बंद हुआ था। पिछले पूरे कारोबारी हफ्ते में सेंसेक्स 2.51% गिरा था। निफ्टी में भी 2.71% की गिरावट रही थी।
