पूर्वी मध्य प्रदेश में 13 प्रतिशत तो पश्चिमी प्रदेश में 20 प्रतिशत बारिश कम होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। बारिश नहीं होने के कारण किसानों की फसलें सूखने लगी हैं। कम बारिश वाले जिलों में किसानों की चिंता बढ़ा दी है। क्योंकि धान की खेती के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी की जरूरत होती है।
5 सितंबर तक संकट के बादल
मौसम विशेषज्ञ डॉ. शैलेंद्र नायक ने नवभारत टाइम्स डॉट कॉम को बताया कि मध्य प्रदेश में 5 सितंबर तक बारिश का कोई भी आसार नजर नहीं आ रहे हैं। वहीं, पूर्वी मध्य प्रदेश में भी बारिश की तारीख आगे बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। यहां पर 3 सितंबर से बारिश का दौर फिर शुरू होने का अनुमान है। मौसम विभाग ने शनिवार को प्रदेश में कहीं-कहीं हल्की बारिश का अनुमान जताया है। बैतूल,खंडवा, खरगोन, उमरिया, डिंडोरी, मंडला और बालाघाट जिलों में कहीं-कहीं गरज चमक के साथ वज्रपात हो सकता है।
इसे भी पढ़ें-
यहां बारिश के आसार
नर्मदापुरम संभाग के जिलों में के अलावा भोपाल, रायसेन, विदिशा, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, जबलपुर, कटनी, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला और बालाघाट जिलों में कहीं-कहीं बारिश होने का अनुमान है। इसके अलावा शेष संभागों के जिलों का मौसम शुष्क बना रह सकता है।