धीरेंद्र चौधरी/रोहतक. आज चिंता, खान-पान और अन्य कई कारणों से लोग मानसिक रोगों का शिकार हो रहे हैं. हमें पता तक नहीं चलता कि कब हम मानसिक रोग की चपेट में आ जाते हैं. कितने ही युवा आज डिप्रेशन जैसी मानसिक बिमारी के कारण अपनी जिंदगी तक गंवा चुके हैं. युवा ही नहीं बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सब मानसिक रोगों का शिकार हो रहे हैं. हालांकि सरकार और बहुत सी सामाजिक संस्थाएं लोगों को लगातार मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरुक कर रही हैं कि हम कैसे अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रख सकते हैं.
रोहतक पीजीआई के राजकीय मानसिक स्वास्थ्य संस्थान के निदेशक डॉ.राजीव गुप्ता ने बताया कि उनका प्रयास है कि लोगों को ज्यादा से ज्यादा मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाए. ताकि वह अपने जीवन शैली और आदतों में बदलाव करके मानसिक तौर पर स्वस्थ रहें. शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ रहने के लिए कसरत और खान-पान के साथ-साथ मेडिटेशन भी बहुत जरूरी है. लोगों को सामाजिक तौर पर आमने-सामने बैठकर बातचीत करनी चाहिए और कोशिश करें कि मोबाइल फोन का कम से कम इस्तेमाल हो. क्योंकि यह रिश्तों को जोड़ने नहीं, बल्कि आज के वक्त में तोड़ने का ज्यादा काम कर रहे हैं. इसलिए हमारा प्रयास रहेगा कि हम अलग-अलग गतिविधियों के माध्यम से लोगों को जागरूक करें और मेडिकल में आने वाले अन्य मरीजों को भी सचेत करें कि मानसिक स्वास्थ्य-शारीरिक स्वास्थ्य से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है. इसकी अनदेखी ना करें.
लोगाों को जागरुक करने के लिए लगाई गई प्रदर्शनी
वहीं, आज अंतर्राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर लोगों को जागरूक करने के लिए रोहतक पीजीआई के राजकीय मानसिक स्वास्थ्य संस्थान ने एक पोस्टर प्रदर्शनी लगाई और उसके माध्यम से लोगों को बताने का प्रयास किया कि आज के समय में यह एक बहुत ही चिंता जनक स्थिति है कि लोग मानसिक रोगों की चपेट में आ रहे हैं, लेकिन हम अपनी जीवन शैली और खान-पान में सुधार करके खुद को मानसिक और शारीरिक तौर पर स्वस्थ रख सकते हैं. इस पोस्टर प्रदर्शनी में बताया गया है कि कैसे चिंता और डिप्रेशन एक मानसिक रोग बन जाता है. अगर समय रहते कुछ नियमों का पालन किया जाए तो इसे बचा जा सकता है.
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FIRST PUBLISHED : October 10, 2023, 16:23 IST