मादक पदार्थ मामले में शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से चार घंटे से अधिक चली पूछताछ

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया मादक पदार्थ से संबंधित एक मामले में शनिवार को यहां पंजाब पुलिस के एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के समक्ष पेश हुए और उनसे चार घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
मजीठिया इस माह एसआईटी के समक्ष दूसरी बार पेश हुए हैं। इससे पहले 18 दिसंबर को उन्हें बुलाया गया था और उनसे सात घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई थी।
पूछताछ के बाद संवाददाताओं ने जब उनसे पूछा कि क्या एसआईटी उनके जवाबों से संतुष्ट है, तो मजीठिया ने कहा कि संबंधित अधिकारी ही इस बारे में बता सकते हैं।
एसआईटी का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (पटियाला क्षेत्र) मुखविंदर सिंह छीना कर रहे हैं। वह (छीना) रविवार को सेवानिवृत हो रहे हैं।

मजीठिया पर 20 दिसंबर 2021 को स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। उस दौरान राज्य में कांग्रेस की सरकार थी और चरणजीत सिंह चन्नी मुख्यमंत्री थे।
यह कार्रवाई मादक पदार्थ रोधी विशेष कार्यबल की वर्ष 2018 की एक रिपोर्ट के आधार पर की गई थी और मोहाली पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
मजीठिया पांच माह से अधिक समय तक पटियाला जेल में बंद रहे थे। फिर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के बाद अगस्त 2022 में जेल से बाहर आ गये थे।
मजीठिया ने एसआईटी कार्यालय से बाहर आने के बाद संवाददाताओं से एक बार फिर कहा कि उनके खिलाफ मामला ‘राजनीति से प्रेरित’ है।
उन्होंने कहा कि एसआईटी प्रमुख छीना रविवार को अपने पद से सेवानिवृत्त हो जाएंगे।

उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से कहा कि वह अकाली नेता को ‘‘निशाना’’ बनाने के लिए अपने अधिकारियों का इस्तेमाल न करें।
मजीठिया ने मान से कहा, ‘‘अगर आप में हिम्मत है तो आप एसआईटी के प्रमुख बनें।’’
मजीठिया ने उच्च न्यायालय द्वारा जमानत मंजूर किये जाने का जिक्र करते हुए कहा कि अदालत के आदेश में कभी नहीं कहा गया कि उन्हें किसी एसआईटी के सामने पेश होने की जरूरत है। उन्होंने कहा, चूंकि मैं कानून का पालन करने वाला नागरिक हूं इसलिए मैं चाहता हूं कि सच्चाई सामने आनी चाहिए।
पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर निशाना साधते हुए मजीठिया ने कहा, मैंने पहले भी कहा था कि मैं इन मामलों से नहीं डरता।
मजीठिया ने आरोप लगाया कि जो कोई भी उनके (राज्य सरकार के) खिलाफ आवाज उठाता है, वे उसके खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से हमला करते हैं।

बार-बार समन जारी किए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, अगर सरकार सोचती है कि वह मजीठिया को पंजाब के मुद्दे उठाने से रोक सकती है तो यह बिल्कुल गलत हैं।
पूर्व मंत्री ने दोहराया कि एसआईटी ने उन्हें मान की पहली पत्नी से उत्पन्न बेटी के साथ खड़े होने के लिए दो साल पुराने मामले में तलब किया था।
मजीठिया ने पूर्व में मान की बेटी का एक कथित वीडियो साझा किया था, जिसमें वह अपने पिता के खिलाफ कथित तौर पर बोलती दिख रही थीं। उन्होंने कहा, ‘‘उस वक्त मैंने मुख्यमंत्री के खिलाफ बयान दिया था, जिसके लिए मुझे बुलाया गया।’’
मजीठिया ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझे 18 अक्टूबर को बुलाया गया….मैं पेश हुआ, लेकिन मैंने उनसे कहा था कि मैं 27-28 दिसंबर को यहां नहीं रहूंगा। मैं 27 दिसंबर को पेश नहीं हुआ और उन्होंने मुझे 30 दिसंबर को फिर से बुलाया… यह समन केवल मुख्यमंत्री के अहंकार को संतुष्ट करने के लिए हैं।

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