मात्र 5 रुपए में हो गया लाखों का ऑपरेशन, महिला को मिली नई जिंदगी, परिवार…

अनूप पासवान/कोरबा. आधुनिकता के इस युग में गंभीर बीमारियों का उपचार भी संभव है, लेकिन हर वर्ग के लिए महंगा इलाज करा पाना सबके बस की बात नहीं है. खासकर शरीर के किसी अंग का ऑपरेशन कराना हो तो लाखों रुपए का खर्च आता है. इस मामले में मेडिकल कॉलेज अस्पताल आम लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है. यहां पदस्थ अस्थि रोग विशेषज्ञ की टीम ने करीब ढाई घंटे की मशक्कत के बाद एक महिला के कूल्हे का ट्रांसप्लांट किया. इस ऑपरेशन में महज पांच रुपए खर्च हुए, जिससे परिवार को भारी राहत मिली है.

दरअसल, दरी क्षेत्र में रहने वाले श्याम लाल चौहान मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते हैं. श्याम लाल का परिवार सीमित आमदनी के बाद भी बेहद खुश था. उसकी पत्नी सुनीता सहित परिवार के सभी सदस्य हंसी खुशी जीवन बिता रहे थे, लेकिन बीते कुछ माह पहले उनकी खुशी को नजर लग गई. सुनीता गंभीर बीमारी की चपेट में आ गई. पत्नी की सेहत खराब होने पर श्याम लाल भी चिंतित हो गए. वह अपने स्तर पर उपचार कराते रहे, लेकिन सेहत सुधरने के बजाय बिगड़ती चली गई. आखिरकार, श्याम लाल अपनी पत्नी को लेकर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे. जहां पदस्थ अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. घनश्याम दिवान ने महिला के स्वास्थ्य का निरीक्षण किया.

कूल्हे में बीमारी की आशंका
इस दौरान उन्हें कूल्हे में बीमारी होने की आशंका हुई, जिसकी पुष्टि एक्स-रे सहित अन्य परीक्षण से हो गई. उन्होंने परिवार को पूरे मामले से अवगत कराया. चूंकि महिला के कूल्हे का ट्रांसप्लांट जरूरी था. इसका इलाज निजी या फिर किसी अन्य अस्पताल में कराने पर करीब दो से ढाई लाख रुपए खर्च हो सकते थे, इस खर्च को उठा पाना परिवार के लिए संभव नहीं था. उनकी परेशानियों से डॉ. दीवान ने अधिष्ठाता डॉ. अविनाश को अवगत कराया.

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सफल ऑपरेशन के बाद परिवार में खुशी का माहौल
प्रबंधन की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद अस्थि रोग विशेषज्ञ ने ऑपरेशन के लिए सारी तैयारी कर ली है. उनकी टीम में तीन सर्जन के अलावा अन्य कर्मचारी शामिल थे. जिन्होंने महिला का ऑपरेशन शुरू किया. करीब ढाई घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद टीम ने महिला के कूल्हे को पूरी तरह बदल दिया. खास बात तो यह है कि कुछ दिन चले इलाज के बाद महिला चलने फिरने लायक भी हो गई है. जिससे परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं है. डॉ. घनश्याम दीवान ने बताया कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल बनने के बाद कई गंभीर बीमारियों का उपचार संभव हो सका है. यहां अस्थि से संबंधित विभिन्न बीमारियों का ऑपरेशन किया जा रहा है. यदि कूल्हा प्रत्यारोपण की बात करें तो कुल चार ऑपरेशन किए गए हैं, जो पूरी तरह सफल हुए हैं. इस ऑपरेशन के लिए निजी या महानगरों के अस्पतालों में परिवार को दो लाख से अधिक खर्च करना पड़ सकता था.

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