सनन्दन उपाध्याय/बलिया. जिस उम्र में हाथों में कॉपी-किताबें होनी चाहिए थी. माता-पिता का प्यार मिलना चाहिए था, उसी उम्र में दो बेटियों ने वह गम झेला, जो शायद आपने कम ही सुना होगा. हम बात कर रहे हैं बलिया के उन दो बेटियों की जिनके ऊपर से कम ही उम्र में मां-बाप का साया उठ गया. लेकिन फिर भी इन दोनों बेटियों ने हार नहीं मानी और अपने हौसले को हर समय बुलंद और बरकरार रखा.
स्वीटी सिंह और पूजा सिंह बताती है कि हम लोग जिले के बांसडीह रोड थाना क्षेत्र अंतर्गत मनियारी जसाव के रहने वाले है. पूजा सिंह स्वीटी सिंह की बुआ है. जिन्होंने स्वीटी सिंह का पालन पोषण किया. क्योंकि बहुत कम उम्र में स्वीटी के माता-पिता गुजर गए. घर में कोई था तो बुआ ने अपनी भतीजियों का भरण पोषण किया. जिले के कुंवर सिंह महाविद्यालय से इन दोनों ने बीए कंप्लीट किया है. उसी के दौरान गुड़ के चाय की दुकान खोली. ताकि ये लोग अपने आप पर आत्मनिर्भर हो सके.
खास तरीके से बनती है ये गुड़ की चाय
पूजा सिंह ने बताया कि हम लोग अपने गांव से दूध लाते हैं और बर्तन को सही से साफ कर उसमें चाय बनाते हैं. चाय में उस सामग्री को नहीं डाला जाता है जो सेहत के लिए हानिकारक होती है. शुद्ध लौंग, इलायची, अदरक और तुलसीदल इत्यादि सामग्रियों के इस्तेमाल से इस गुड़ की चाय को तैयार किया जाता है. जो सेहत के लिए भी लाभकारी होती है. छोटा कप 10 रूपए और बड़ा कप 20 रूपए प्रति पीस के हिसाब से ग्राहकों को दी जाती है. यह दुकान सुबह 5:30 बजे से 11:00 बजे तक खुलती है. उसके बाद दोनों बेटियां पढ़ने चली जाती हैं.
चाय का स्वाद है लाज़वाब
बलिया रेलवे स्टेशन से जिला अस्पताल जाने वाले रोड में कुछ ही दूरी पर जगदीशपुर तिराहे पर यह दुकान लगती है. दुकान पर चाय पीने आए तमाम ग्राहकों ने बताया कि चाय स्वाद में काफी लाजवाब है. यह गुड का चाय है जो स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदायक नहीं है. फिर भी इन लोगों का हौसला बुलंद है. यह लोग समाज को आत्मनिर्भरता का संदेश देने का काम भी काम कर रही हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 20, 2023, 17:02 IST