नितिन अंतिल/सोनीपत: पुरुष हॉकी टीम के गोल्ड जीतने के बाद महिला हॉकी टीम ने भी कांस्य पदक जीत कर देश को खुशी की एक और वजह दे दी है. सोनीपत की नेहा भी इस टीम का हिस्सा रही. नेहा ने इस मुकाम पर पहुंचने का सपना अपनी मां के साथ मिलकर देखा था, जिसके लिए मां ने भी जीतोड़ मेहनत की. बेटी को इस मुकाम पर पहुंचाने के लिए मां के संघर्ष और मेहनत की जितनी सराहना की जाए उतनी कम है.
दूसरों के घरों में बर्तन मांजती थी मां
मेडल जीतने के बाद से परिवार में खुशी का माहौल है, लेकिन इस सफलता के पीछे नेहा की मां का सबसे बड़ा हाथ है. मां ने बेटी को बेहतर सुविधाएं देने के लिए कड़ा संघर्ष किया. दूसरों के घरों में बर्तन धोकर बेटी का सारा खर्चा पूरा किया. पति शराब पीता था इस कारण घर की सारी जिम्मेदारी मां के सिर पर थी, जो पति के देहांत के बाद और भी ज्यादा बढ़ गई. लेकिन, नेहा की मां ने कभी बेटियों के सपनों को हारने नहीं दिया.
मां को बेटी की सफलता पर गर्व
नेहा की मां का कहना है कि बेटी की सफलता पर उन्हें बेहद गर्व है और उम्मीद है कि बेटी आगे भी इसी तरह देश का नाम रोशन करती रहेगी. आने वाले ओलंपिक में पूरी टीम गोल्ड मेडल जीतेगी. गौरतलब है कि भारतीय खिलाड़ियों ने एशियन गेम्स 2023 में इतिहास रच दिया है. ऐसा पहली बार हो रहा है कि एशियन गेम्स में भारत ने अपने नाम 100 मेडल्स हासिल किए हैं. मेडल्स की सूची में भारत चौथे नंबर पर है.
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FIRST PUBLISHED : October 8, 2023, 24:31 IST