मोहन ढाकले/बुरहानपुर.मध्य प्रदेश में आज भी ऐसे कुछ भक्त है जो भक्ति भाव में अपना सारा जीवन लगा देते हैं. ऐसे ही एक भक्त मध्य प्रदेश के बैतूल में रहने वाले हैं. जिन्होंने 2001 से मां ताप्ती नदी की परिक्रमा यात्रा शुरू कर दी. वह पिछले 23 वर्षों से मां ताप्ती की परिक्रमा कर लोगों को स्वच्छता का संदेश दे रहे हैं.पहले वे मजदूरी का काम करते थे. लेकिन उनको मां ताप्ती की ऐसी भक्ति चढ़ी की उन्होंने सारा काम छोड़कर भक्ति भाव में अपना जीवन लगा दिया. वह बैतूल के नागेश्वर शिव मंदिर पर रहकर मां ताप्ती की सेवा कर रहे हैं.
भक्त भोलाराम कन्हैया रावत ने कहा कि मैं बैतूल जिले का रहने वाला हूं. मुलताई से गुजरात के सूरत के लिए 2 जनवरी को ताप्ती परिक्रमा यात्रा राजू पाटणकर द्वारा निकाली गई थी. जिसमें मैं भी शामिल हुआ था. मैंने जनवरी माह से चप्पल पहनना छोड़ दी है. मैं पैदल 1800 किलोमीटर की यात्रा पर निकला हूं. मैं 1500 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर बुरहानपुर पहुंचा हूं . मेरे पैरों में छाले पड़ गए लेकिन मैंने यात्रा नहीं छोड़ी है. मैं पूरी यात्रा करूंगा. यात्रा में उनके साथ करीब 40 यात्री है. सभी यात्रियों की उम्र 25 वर्ष से 65 वर्ष के बीच की है. वे लोगों को स्वच्छता का संदेश दे रहे हैं. ताप्ती परिक्रमा यात्रा पिछले 11 वर्षों से निकल रही है. जिसमें वह शामिल हो रहे हैं. 2 जनवरी से शुरू हुई यात्रा का 4 मार्च को बैतूल में समापन होगा.
भोलाराम का नहीं है कोई परिवार
भक्त भोलाराम का कोई परिवार नहीं है. बचपन में माता-पिता का देहांत हो गया था. भोलाराम की उम्र अभी 45 वर्ष है. वे रोजाना करीब 25 किलोमीटर का सफर पूरा करते हैं. बैतूल के नागेश्वर शिव मंदिर पर रहकर मां ताप्ती की 23 वर्षों से सेवा कर रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : February 25, 2024, 11:06 IST