मांझी ने फिर तेजस्वी यादव पर बोला हमला, लगाए गंभीर आरोप

Patna:

Bihar Politics News: बिहार की नीतीश सरकार ने 12 फरवरी को बजट सत्र के पहले दिन विश्वास मत जीतकर विपक्ष को करारा जवाब दिया और बिहार में अपनी सरकार बनाई. इसके साथ ही बिहार के सीएम नीतीश कुमार के हालिया पलटवार के बाद प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप चरम पर है. इस बीच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर बड़ा दावा कर दिया है. बता दें कि सोमवार (26 फरवरी) को जीतन राम मांझी ने पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि, ”अगर शिक्षक नियुक्ति की वो (तेजस्वी यादव) बात करते हों तो मैंने तो कहा है कि आज 21 लाख एकड़ जमीन भूदान, सीलिंग और बिहार सरकार की है. हमारे यहां मात्र 13 या 14 लाख परिवार ऐसे हैं, जिनके पास एक धुर जमीन नहीं है. अगर बंटवा देते वो (तेजस्वी यादव) तब हम मानते. राजस्व विभाग उनके ही पास था, तो वो तो ट्रांसफर पोस्टिंग में पड़े थे, जिसको मुख्यमंत्री ने बंद कर दिया.”

आपको बता दें कि जीतन राम मांझी ने आगे कहा कि, ”इससे क्या साबित होता है कि मुख्यमंत्री का चलता है कि मंत्री का? इससे भी वो नहीं समझते हैं? अगर चलता तो आज सभी अंचलाधिकारी से 50-50 लाख रुपया लेकर हजारों करोड़ रुपया कमा लिए थे लोग, आज नतीजा होता कि सबकी पोस्टिंग हो जाती, लेकिन नीतीश कुमार ने रोक दिया. मुख्यमंत्री का वर्चस्व होता है. नियुक्ति में भी वही होता है. जब नीतीश कुमार नहीं चाहेंगे तो तेजस्वी यादव एक नियुक्ति नहीं कर सकते थे. आज जाकर क्या कह रहे हैं कि 17 महीने में हमने ये कर दिया.” अब मांझी के इस बयान से विपक्ष में हलचल मच गई है.

‘बजट सेशन छोड़कर भाग गए…’ – मांझी

आपको बता दें कि जीतन राम मांझी ने आगे कहा कि, ”तेजस्वी यादव को चिंता करनी चाहिए थी तो बजट सेशन छोड़कर भाग गए हैं. बाहर जाकर उल-जुलूल बात कर रहे हैं. उनके बारे में मैं कहना चाहता हूं कि वो क्या कहते हैं कि मैंने 17 महीने में सब कुछ किया. क्या मुख्यमंत्री नहीं होता है? वो तो उपमुख्यमंत्री थे. उपमुख्यमंत्री कोई संवैधानिक पद होता है? ये अलग बात है कि उनको पांच विभाग दे दिया गया था.”

वहीं आगे जीतन राम मांझी ने आगे कहा कि, ”उसका भी पता चलेगा कि कौन क्या-क्या किया. जो मूर्ख है वो उनकी बात को समझता है और जिनको संविधान का ज्ञान है वो हंसता है कि मुख्यमंत्री हर चीज के लिए जिम्मेदार हैं. मंत्री कौन होता है कि कहता है 17 महीने में हमने ये कर दिया.”

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